क्या आप भी अपने स्मार्टफ़ोन पर फ़ेसबुक और वॉट्सऐप ही यूज़ करते रह जाते हैं? अगर ऐसा है तो शायद आप अपने मोबाइल का पूरा फ़ायदा नहीं उठा रहे है.
हाल ही में ऐसे कई इनोवेटिव ऐप्स लॉन्च किए गए हैं जो आपके मोबाइल यूज़ करने का तरीक़ा बदलने की ताक़त रखते हैं.
आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ ऐप्स के बारे में:
माय नीनो
बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक अक्सर चिंतित दिखते हैं. ऐसे में काम आता है ‘माय नीनो’ ऐप.
ये ऐप बच्चे और अभिभावक के स्मार्टफ़ोन्स में लोड किया जा सकता है और इसकी मदद से अभिभावक बच्चों के पल-पल की जानकारी पा सकते हैं.
बच्चे कहां हैं, किसके संपर्क में हैं, क्या बातचीत कर रहे हैं, इसकी जानकारी ये ऐप अभिभावकों तक पहुंचा देता है.
अगर बच्चा ख़तरे में है तो अलार्म बटन दबा सकता है जिससे बच्चे की लोकेशन और संदेश अभिभावकों तक पहुंच जाते हैं.
रीवरी लैंग्वेज़
अगर आपके पास एंड्रॉएड फ़ोन है तो आप 32 भाषाओं में बेहद आसानी से टाइप कर सकते हैं. रीवरी लैंग्वैज ऐप में ‘प्रेडिक्टिव टेक्स्ट’ भी है, यानी आप पूरा शब्द टाइप करें इससे पहले ही शब्द दिखने लगते हैं.
रीवरी के ही एक फ़ोन बुक ऐप से आप अपना फ़ोन बुक अंग्रेज़ी से हिन्दी या किसी अन्य भाषा में बदल सकते हैं.
ई-कृषक सहयोगी
ये ऐप ख़ासतौर पर किसानों और कृषि में रुचि रखने वालों के लिए हैं. इसके ज़रिए किसान खेती संबंधित जानकारी पा सकते हैं, दवाई, बुआई करने की तकनीक 3डी वीडियो में देख सकते हैं.
इसके अलावा वो अपने सवाल हेल्पलाइन से पूछ भी सकते हैं. और सबसे ज़रूरी बात ये है कि इस ऐप के ज़रिए किसान मंडियों पर कृषि उत्पादों की क़ीमतों के बारे में भी पता कर सकते हैं.
सेफ़्टीपिन
आमतौर पर जब हम किसी नए शहर में जाते हैं तो वहां के बारे में कामचलाऊ जानकारी के साथ ही जाते हैं. शहर में कौन सी जगह कितनी शांत या ख़तरनाक है ये बाद में ही पता चलता है.
इसी का समाधान निकालता है ‘सेफ़्टीपिन’. इस ऐप के ज़रिए आप देख सकते हैं कि आप जिस शहर में जा रहे हैं, वहां कौनसी जगह कैसी है.
ऐप ख़तरनाक इलाक़ों की जानकारी अन्य यूज़र्स से जुटाए डेटा के आधार पर देता है. इसमें ‘सेफ़्टी मीटर’ जैसा भी एक फ़ीचर है जो लोगों की रेटिंग के आधार पर चलता है.
सिटिज़न कॉप
आमतौर पर लोग किसी अपराध की जानकारी देने के लिए पुलिस के पास जाने से हिचकते हैं. लेकिन ‘सिटीज़न कॉप’ ऐप ने इसका समाधान निकालने की कोशिश की है. ये ऐप इंदौर पुलिस के साथ संयुक्त रुप से शुरू हुआ और फ़िल्हाल मध्य प्रदेश के कई शहरों में सक्रिय है.
यूज़र्स इस ऐप के ज़रिए पुलिस को सीधे किसी अपराध की सूचना दे सकते हैं. अपना नाम देना है या नहीं, वो यूज़र पर निर्भर करता है. पुलिस को तुरंत जानकारी मिल जाती है. इस ऐप के निर्माताओं का दावा है कि इसके ज़रिए इंदौर में कई मामलों का पर्दाफ़ाश हुआ है.
मोबी-क्विक
ये एक मोबाइल वॉलेट है जिसके ज़रिए यूज़र्स अपने छोटे-मोटे बिलों की अदायगी कर सकते हैं.
मोबी क्विक के निर्माताओं के अनुसार इसके ज़रिए एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल पर चुटकियों में पैसे भेजे जा सकते हैं और इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिए जाते.
मोबाइल वॉलेट से पैसे बैंक अकाउंट में भी ट्रांस्फ़र किए जा सकते हैं जहां से इसे कैश किया जा सकता है.
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