आईआईटी और अमरीका की सिलिकॉन वैली में पैसा और शोहरत कमाने के बाद जब अरविंद गुप्ता ने भाजपा के डिजिटल उद्धार का बीड़ा उठाया तब भारत में यूपीए सरकार थी.
इस पहल के चार वर्ष बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं और अरविंद गुप्ता के सिर सेहरा बंधा है भाजपा की सफल और अप्रत्याशित जीत के डिजिटल प्रचार का.
अरविंद गुप्ता और उनकी एक छोटी टीम ने 2014 आम चुनावों के लिए डिजिटल प्रचार की तैयारी 2010 से ही शुरू कर दी थी जिसमें सोशल मीडिया और मोबाइल फ़ोन पर प्रचार करने की रणनीति बन चुकी थी.
हालांकि उन्होंने ये खुलकर नहीं बताया कि प्रधानमंत्री पद के किस उम्मीदवार को ध्यान में रखकर काम शुरू हुआ था लेकिन दोहराया कि भाजपा के लिए डिजिटल प्रचार नई बात नहीं है.
उनका कहना था कि 2004 चुनाव में भाजपा की ‘इंडिया शाइनिंग’ कैम्पेन का सबने मज़ाक उड़ाया था लेकिन ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ के सफल नारे ने सभी समीकरण बदल कर रख दिए हैं.
आम चुनावों के पहले से ही ट्विटर, फ़ेसबुक, एफ़एम रेडियो और टीवी पर नरेंद्र मोदी के प्रचार ने लोगों का ख़ासा ध्यान आकर्षित किया था और आलोचकों ने इसे ‘बेहिसाब ख़र्च करने वाली एक क़वायद’ क़रार दिया था.
लेकिन अरविंद गुप्ता के अनुसार ख़ुद नरेंद्र मोदी ने इस डिजिटल कैम्पेन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और अपने भाषणों और सन्देशों में अरविंद की टीम के सभी राय-मशवरों को शामिल किया.
वैसे अरविंद गुप्ता इस बात को स्वीकार करते हैं कि जैसे पिछले कुछ वर्ष चुनौतीपूर्ण रहे हैं, वैसे ही आने वाले भी रहेंगे.
(बीबीसी हिंदी का एंड्रॉयड मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें. आप हमसे फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी जुड़ सकते हैं.)