प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र के बयान के बाद संघ लोक सेवा आयोग या यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट परीक्षा के विरोध में आमरण अनशन कर रहे छात्रों ने अनशन ख़त्म कर दिया है.
जितेंद्र सिंह ने बुधवार को संसद में कहा कि सरकार को इस मुद्दे की पूरी जानकारी है और वह इस मसले पर सहानुभूतिपूर्ण रुख अपना रही है.
सिंह का कहना था कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. उन्होंने छात्रों से अपील की थी कि वे अपना अनशन ख़त्म कर दें.
हिंदी से भेदभाव?
उनके इस बयान के बाद आंदोलकारी छात्रों ने आंदोलन 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया है. इस आंदोलन के फ़ेसबुक पेज़ के मुताबिक़ अनशन पर बैठे दोनों छात्रों को अस्पताल ले जाया गया है.
आंदोलनकारी छात्रों का मानना है कि सी-सैट परीक्षा इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए ज़्यादा अनुकूल है.
जितेंद्र सिंह ने संसद को बताया कि छात्रों की शिकायतों की जांच-पड़ताल और उनकी शिकायतों पर सुझाव देने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है.
उन्होंने बताया कि समिति के सदस्यों को अपने काम में तेजी लाने और अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द देने को कहा गया है.
डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार भाषा के आधार पर किसी के भी साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होने देगी.
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