फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इसराइल की ओर से ग़ज़ा पर किए जा रहे हमलों में अब तक 172 फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं.
मंत्रालय के मुताबिक इन हमलों में 1200 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं.
गज़ा में मौजूद फ़लस्तीनी चरमपंथी गुट हमास की ओर से इसराइल पर किए गए रॉकेट हमलों में एक भी इसराइली की मौत नहीं हुई है.
हालांकि इसराइली पक्ष ने बीबीसी से हुई बातचीत में इस तथ्य को गलत बताया है और कहा है कि वो हमास की ओर से किए जा रहे रॉकेट हमलों से बचाव की कोशिश कर रहे हैं.
इससे पहले इसराइल ने ग़ज़ा के उत्तर में रह रहे फ़लस्तीनियों को घर छोड़ने की चेतावनी देने के बाद वहां हवाई हमले फिर से शुरु किए. इसराइली सेना का कहना था कि उसके निशाने पर वो ठिकाने थे जहां से हमास के रॉकेट छोड़े गए थे.
इसराइल की चेतावनी के बाद हज़ारों फ़लस्तीनियों ने उत्तरी ग़ज़ा से पलायन किया.
इस बीच इलाके की एक निवासी, सवला अल तिबी ने बीबीसी से हुई बातचीत में कहा कि वे अपना घर छोड़ कर नहीं जा रही हैं. वजह बताते हुए अल तिबी ने कहा, "अगर मैं किसी और मकान या किसी रिश्तेदार के घर जाना चाहूं, तो ये बहुत मुश्किल होगा. एक जगह से दूसरी जगह जाना या सड़कों पर चलना सुरक्षित नहीं है. सारी ग़ज़ा पट्टी जल रही है. हम सो भी नहीं पा रहे. कभी-कभी हम सिर्फ़ दो घंटे ही सो पाते हैं."
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अब तक 17,000 लोग उसके कैंपों में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं.
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