करतारपुर कॉरिडोर : ग्रामीणों ने मांगा जमीन के बदले मुआवजा, वर्ना…?

लाहौर : भारत और पाकिस्तान की ओर से करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण की रूपरेखा पर की जा रही चर्चा के बीच इस परियोजना के कारण अपनी जमीन छोड़ने को मजबूर करीब 600 ग्रामीणों ने इमरान खान सरकार से मुआवजे की मांग की है. इन ग्रामीणों का कहना है कि यदि उन्हें अपनी जमीन का मुआवजा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 20, 2019 9:14 PM

लाहौर : भारत और पाकिस्तान की ओर से करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण की रूपरेखा पर की जा रही चर्चा के बीच इस परियोजना के कारण अपनी जमीन छोड़ने को मजबूर करीब 600 ग्रामीणों ने इमरान खान सरकार से मुआवजे की मांग की है. इन ग्रामीणों का कहना है कि यदि उन्हें अपनी जमीन का मुआवजा वाणिज्यिक दरों पर नहीं मिला, तो वे विकास कार्य ठप कर देंगे. कोठे खुर्द गांव, जहां गुरुद्वारा डेरा साहिब करतारपुर स्थित है, जिसकी कुल आबादी करीब 600 है.

गांव की पूरी आबादी को जिला प्रशासन ने अपने मकान तत्काल खाली करने के आदेश दिये हैं, ताकि करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण हो सके. कोठे खुर्द गांव के मोहम्मद अरशद ने पत्रकारों को बताया कि मेरे पूर्वज विभाजन से पहले ही गांव में बस गये थे और अब यहां पांचवीं पीढ़ी रह रही है. कुछ अधिकारी यहां आये और निवासियों से कहा कि सरकार हमारी जमीन पर करतारपुर कॉरिडोर बनाना चाह रही है, इसलिए हमें जमीन खाली करनी होगी.

एक अन्य ग्रामीण जईम हुसैन ने कहा कि हम सदियों से इलाके में रह रहे हैं और इलाके एवं अपने पुरखों की कब्र को छोड़ना हमारे लिए संभव नहीं है. हुसैन ने कहा कि सरकारी अधिकारियों ने उनसे सिर्फ इतना कहा कि जमीन और मकानों का अधिग्रहण कर लिए जाने के बाद उन्हें मुआवजा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों में अपनी खेती वाली जमीन छोड़ने को लेकर आम राय है, लेकिन कोई अपने पैतृक घरों को नहीं छोड़ना चाहता.

हुसैन ने कहा कि यदि ग्रामीणों को उनके घरों से जबरन निकाला गया, तो वे सरकार को कॉरिडोर विकसित नहीं करने देंगे. उन्होंने कहा कि हम अपनी जमीन के लिए वाणिज्यिक दरों पर मुआवजा चाहते हैं. पाकिस्तान किसान राबिता कमेटी ने किसानों को वाणिज्यिक दरों पर तत्काल मुआवजा देने की मांग की है. इसमें कहा गया है कि कोई साधारण मुआवजा स्वीकार नहीं किया जायेगा और प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाये.

उपायुक्त वहीद असगर ने कहा कि सरकार पंजाब भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 4 के तहत जमीन अधिग्रहण कर रही है और वह फसल एवं जमीन के लिए मुआवजा देगी. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि सरकार ग्रामीणों को जबरन निकाल रही है. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.

इवेक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के प्रवक्ता आसिफ हाशमी ने बताया कि करतारपुर कॉरिडोर पर करीब 40 फीसदी विकास कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस नंवबर में गुरू नानक की 550वीं जयंती से पहले कॉरिडोर का विकास कार्य पूरा कर लिया जायेगा. भारत और पाकिस्तान पिछले साल करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरुदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए गलियारा बनाने को सहमत हुए थे.

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी ने करतारपुर में अंतिम समय बिताया था. करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है. रावी नदी के दूसरी छोर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किलोमीटर है.

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