कोडरमा : सूखी रोटी खाकर भी आइएएस व आइपीएस बना जा सकता है, पर शर्त है कि इरादा पुख्ता व नेक हों, तभी कामयाबी आपके कदम चुमेगी. महंगे मोबाइल न खरीद कर अच्छे स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएं, ताकि आपका व समाज का विकास हो.
उक्त बातें 20 सूत्री के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना गुलाम रसूल बलयावी (बिहार) ने मदीना एजुकेशन ट्रस्ट जलवाबाद के बैनर तले गुंबद खजरा एजुकेशनल कांफ्रेंस सह जलसा-ए-दस्तार बंदी के आयोजन के मौके पर कही.
मौलाना बलयावी ने कहा कि हजरत मोहम्मद ने आज से 15 सौ वर्ष पूर्व ही दुनिया को ये पैगाम दिया कि इल्म हासिल करो, अगरचे चिन तक जाना पड़े. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की आजादी में मदरसों की अहम भूमिका रही है. मदरसों से दहशतगर्द नहीं, बल्कि देशभक्त पैदा होते हैं, क्योंकि इसलाम किसी का नाहक खून बहाने की इजाजत नहीं देता है.
जलसे को संबोधित करते हुए जेएनयू के प्रोफेसर व एनसीपीयूएल नई दिल्ली के निदेशक डॉ ख्वाजा इकरामउद्दीन ने कहा कि कुरान पूरी दुनिया के इंसानों के लिए रहमत है, न कि सिर्फ मुसलमानों के लिए. उन्होंने कहा कि कुरान समझ कर पढ़ें, आपकी दुनिया व आखरत संवर जायेगी. वहीं डॉ ख्वाजा ने जलसे के दौरान ये ऐलान किया कि मदरसा मदीनुर्तरसुल जलवाबाद में भारत सरकार की ओर से दिसंबर 2013 तक कंप्यूटर का आगाज किया जायेगा. जलसे को संबोधित करते हुए सैय्यद रिजनाबुल हौदा पिंड शरीफ बिहार ने कहा कि कुरान सीखना व दूसरों को सीखाना ये अल्लाह को बहुत पसंद है.
वहीं जलसे में शायरे इसलाम मुबारक हुसैन ने जबसे मैंने सुना कि कब्र में वो आयेंगे पांव इस दीवाने का कब इस जमीन पर है. नाते रसूल पढ़ा गया. वहीं नालखन के रूप में कारी इफ्तखार हमदम जलवाबादी ने भोजपुरी नात हमरा चल रे पवनामा तैबा में हमहू करबै दर्शन तैबा में और गुनाहों की आदत छोड़ मेरे मौला मुङो नेक इंसान बना मेरे मौला पढ़ कर सबको झूमने पर विवश कर दिया.
जलसे का आगाज कारी इफ्तखार ने कुराने पाक की तिलावत से की. कांफ्रेंस की शदारत हाफिज निसार अहमद ने की. संचालन मौलाना अब्दुल रहमान ने किया. जलसे के अंत में सलातो सलाम के बाद दुआ पढ़ी गयी. जलसा में मुख्य रूप से मौलाना कुतुबउद्दीन चतरुवेदी, डॉ जावेद, कोडरमा थाना प्रभारी रंजन कुमार चौधरी, मोहम्मद इदरिस, नौशाद आलम, हाजी आफताब, कारी आफताब, कारी कलीम, महताब आलम आदि मौजूद थे.