।। दक्षा वैदकर।।
हकीम लुकमान ने एक दिन अपने बेटे को पास बुला कर धूपदान की ओर इशारा किया. इशारे को समझ कर बेटा धूपदान में से एक मुट्ठी चंदन का चूरा ले आया. फिर लुकमान ने दूसरा इशारा किया. इशारा समझ कर बेटा दूसरे हाथ में चूल्हे में से कोयला ले आया. लुकमान ने फिर इशारा किया कि दोनों को फेक दो. बेटे ने दोनों को फेक दिया. लुकमान ने बेटे से जानना चाहा कि अब उसके हाथों में क्या है? बेटे ने बताया कि दोनों हाथ खाली हैं. लुकमान ने कहा, ऐसा नहीं है. अपने हाथों को गौर से देखो.
बेटे ने अनुभव किया कि जिस हाथ में चंदन का चूरा था, वह अब भी खुशबू बिखेर रहा है और जिस हाथ में कोयला रखा था, उसमें अब भी कालिख नजर आ रही है. लुकमान ने कहा, बेटा, चंदन का चूरा फेंक दिये जाने के बावजूद अब भी तुम्हारे हाथों में महक रहा है, जबकि कोयले के टुकड़े ने जाते-जाते भी तुम्हारा हाथ काला कर दिया. इसी तरह के लोग दुनिया में होते हैं. कुछ लोग चंदन की तरह होते हैं, जिनके साथ जब तक रहो, तब तक हमारा जीवन महकता रहता है और उनका साथ छूट जाने पर भी उनके द्वारा दी गयी अच्छी सीख हमारे जीवन को महकाती रहती है. दूसरी तरफ ऐसे लोग होते हैं, जिनके साथ रहने से भी और साथ छूटने पर भी जीवन कोयले की तरह कलुषित होता है. आप भले ही उनका साथ छोड़ दें, लेकिन उनके साथ बिताये पल आपका पीछा कभी नहीं छोड़ते. वे जीवनभर के लिए आपको पछतावा देते हैं.
दोस्तों, हमेशा ऐसे लोगों से जुड़ें, जो आपके जीवन को ऊंचाइयों पर ले जायें. आपको अच्छी बातें सिखायें. जब आप दक्ष और प्रतिष्ठित लोगों से जुड़ते हैं, तो आपको यह बताने में गर्व महसूस होता है कि मैं फलां व्यक्ति के साथ काम कर रहा हूं. सामने वाले पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है. दूसरी ओर गलत लोगों के साथ काम करने पर आपकी छवि भी वैसी ही बन जाती है, भले ही आप बहुत प्रतिभाशाली हों. कोशिश यही करें कि अपने फील्ड के प्रतिष्ठित लोगों के साथ ही काम करें, ताकि आप ज्यादा-से-ज्यादा सीख सकें.
बात पते की..
उन लोगों के साथ बिल्कुल न रहें, जो इधर-उधर की बातों में आपका समय बरबाद करते हैं. उनके साथ रहें, जो काम के प्रति गंभीर हैं, मेहनती हैं.
ऐसा कोई काम न करें, जो माता-पिता की नजर में गलत हो. बुरे दोस्तों की संगत तुरंत छोड़ें. ऐसा करके ही आप तरक्की का रास्ता पकड़ सकेंगे.