21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जो आधे घंटे के लिए बन गया ‘भारत का प्रधानमंत्री’

जिस ट्विटर हेंडल पीएमओ इंडिया (@PMOIndia) को लेकर भारतीय राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है उसे लखनऊ के एक 19 वर्षीय छात्र ने अनजाने में हासिल कर लिया था. क़ैसर अली कहते हैं कि उन्हें नहीं पता है कि ये सब कैसे हो गया. लखनऊ के ये युवा बस अपने ट्विटर हैंडल को […]

जिस ट्विटर हेंडल पीएमओ इंडिया (@PMOIndia) को लेकर भारतीय राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है उसे लखनऊ के एक 19 वर्षीय छात्र ने अनजाने में हासिल कर लिया था.

क़ैसर अली कहते हैं कि उन्हें नहीं पता है कि ये सब कैसे हो गया. लखनऊ के ये युवा बस अपने ट्विटर हैंडल को एक अच्छा नाम देना चाहते थे.

क़ैसर ने बीबीसी को बताया, "मुझे नहीं पता कि मेरे मन में ये ख़्याल कैसे आया लेकिन मैंने पीएमओ इंडिया की उपलब्धता चेक की तो ये मुझे मिल गया और मैंने इसे अपने लिए सुरक्षित कर लिया."

हालांकि उस समय अली को नहीं पता था कि वे हैंडलगेट में ‘फँस’ गए हैं. दरअसल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नए बनने जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच इस ट्विटर हैंडल को लेकर विवाद चल रहा है.

मनमोहन सिंह ने पीएमओ इंडिया ट्विटर अकाउंट शुरू किया था जिस पर उनके दस लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर थे. लेकिन जब मनमोहन ने दफ़्तर छोड़ा तो उनकी टीम ने अकाउंट अगले प्रधानमंत्री के लिए छोड़ने के बजाए उसके ट्वीट्स को सुरक्षित करा लिया. पीएमओ इंडिया के खाते को पीएमओ इंडिया आर्काइव (@PMOIndiaArchive) में बदल दिया गया. इसके साथ ही इस खाते के लाखों फ़ॉलोअर भी नए खाते में चले गए.

माफ़ी

मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का ट्विटर अकाउंट ‘राष्ट्रीय संपत्ति’ है.

क़ैसर अली के पास ये अकाउंट ज़्यादा देर तक नहीं रह सका. बिना किसी स्पष्टीकरण के उनके खाते को आधे घंटे के भीतर ही पुराने नाम में बदल दिया गया. क़ैसर अली इसे भी राहत ही मान रहे हैं.

क़ैसर कहते हैं, "मैं चौंक गया था, सम्मानित महसूस कर रहा था लेकिन डरा हुआ भी था. मैं सिर्फ़ उन्नीस साल का एक युवा हूँ और ये सरकारी मामला है. जब मेरे परिजनों को पता चला तो उन्होंने मुझे डांटा और भारत के लोगों से माफ़ी माँगने के लिए कहा."

ट्विटर पर तुरंत माफ़ी मांगते हुए क़ैसर अली ने कहा, "पीएमओ इंडिया नाम लेने के लिए मैं माफ़ी माँगता हूँ. मैंने ऐसा किया क्योंकि यह उपलब्ध था."

क़ैसर अली पीएमओ इंडिया नाम प्राप्त करने में कामयाब कैसे हुए? हो सकता है जिस वक़्त अधिकारिक ट्विटर अकाउंट का नाम बदला जा रहा था उसी वक़्त क़ैसर ने इस नाम के लिए साइन अप किया हो.

सफ़ाई

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी ने ट्वीट के ज़रिए स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पीएमओ इंडिया अकाउंट नए प्रधानमंत्री के लिए उपलब्ध रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी किया गया वह क़ानून की परिधि में है.

वहीं ट्विटर का कहना है कि वह व्यक्तिगत खातों पर टिप्पणी नहीं करती है और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि फिहलाह पीएमओ इंडिया ट्विटर खाता किसके पास है.

अभी तक क़ैसर के पास गए अकाउंट से कोई भी ट्वीट नहीं किया गया है लेकिन इसके क़रीब अट्ठारह हज़ार फ़ॉलोवर बन गए हैं.

क़ैसर अली का कहना है कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें