थाईलैंड में नए साल के स्वागत में सोंगक्रान मनाया जाता है. इस दौरान लोग एक-दूसरे पर पानी और रंग फेंकते हैं. शुक्रवार से यह तीन दिवसीय त्योहार शुरू हुआ है.
इसके तहत थाई सरकार ने महिलाओं को ऐसे कपड़े पहनने की हिदायत दी है कि उनके साथ छेड़छाड़ न हो.
लेकिन छेड़छाड़ का कपड़ों से क्या संबंध?
सरकार की ओर से दी गई इस सलाह ने 17 साल की बिशप की पुरानी कड़वी यादों को कुरेदने का काम किया है.
नए साल का जश्न था. उन्होंने काले रंग की ढीली-ढाली टी-शर्ट और घुटने से नीचे तक के शॉर्ट्स पहन रखे थे. कुछ वक़्त बाद उन्हें एहसास हुआ कि वो अपने ग्रुप से बिछड़ गई हैं और पांच अनजान लोगों से घिरी हुई हैं.
बिशप ने बीबीसी को बताया कि ‘उन्होंने मुझे घेर रखा था और छूने की कोशिश कर रहे थे. मैं किसी तरह वहां से भाग निकाली. उस दिन के बाद से मैं कभी भी नए साल के जश्न में शामिल नहीं हुई.’
सोंगक्रान के मौके पर लोग एक-दूसरे पर पानी फेंकते हैं. यह एक प्रतीकात्मक क्रिया है. यहां लोगों का मानना है कि ऐसा करने से पीछले साल के दुर्भाग्य से छुटकारा मिल जाता है.
पिछले महीने, थाईलैंड के स्थानीय प्रशासन विभाग के महानिदेशक सुथीपोंग चुलचेरों ने महिलाओं से अपील की थी कि वो वॉटर फेस्टिवल के दौरान उचित पोशाक पहनें ताकि उनके साथ यौन हिंसा जैसी घटनाएं न हों.
इसके जवाब में बिशप ने सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर #DontTellMeHowToDress और #TellMenToRespect टैग्स के साथ कुछ क्लिप्स पोस्ट की हैं. बहुत से लोगों ने उनकी इस पोस्ट को शेयर किया.
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39 साल की बिशप का कहना है कि ये हैशटैग, महिलाओं को ही यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराये जाने का विरोध करता है.
#DontTellMeHowToDress
बिशप की इस पोस्ट के बाद बहुत सी दूसरी महिलाओं ने भी अपने अनुभव साझा किए हैं.
एक ट्वीटर यूज़र लिखती हैं ‘मैं अपने दोस्त और चचेरी बहन के साथ थी. मैंने स्वेट पेंट और स्वेटर पहना हुआ था क्योंकि मुझे सर्दी-जुकाम बहुत जल्दी हो जाता है.’
‘कुछ वक्त बाद मैं अपने दोस्त और बहन से अलग हो चुकी थी और लड़कों का एक समूह मुझे घेरे हुए था.’
‘एक लड़का आगे बढ़ा और उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे एक किनारे ले जाने की कोशिश की. मैं तेज़-तेज़ रोने लगी. भगवान का शुक्र है कि उसी वक़्त मेरा दोस्त और मेरी बहन आ गये. तब से आजतक मैं सोंगक्रान के समय बाहर नहीं निकली.’
एक अन्य थाई महिला ने रोज़ाना होने वाली छेड़छाड़ के अनुभवों को साझा किया है.
एक थाई ट्वीटर यूजर लिखती हैं, ‘मैंने शॉर्ट्स पहन रखे थे. एक सिक्योरिटी गार्ड मेरे पैरों को घूरने लगा. उसने अपने दोस्त से कहा कि उसका मन मेरे पैरों को छूने का कर रहा है.’
‘वे मुझ से बहुत बड़े थे. उसके बाद मैंने घर के बाहर कभी शॉर्ट्स नहीं पहने. लेकिन केवल महिलाओं को ही अपनी सुरक्षा क्यों करनी चाहिए? मैं ये सुन-सुनकर तंग आ चुकी हूं.’
आप को क्या पहनना है?
बिशप कहती हैं, "सोंगक्रान पारंपरिक रूप से बहुत ही ख़ूबसूरत त्योहार है."
‘आज महिलाओं को बाहर निकलने से डर लग रहा है’
कार्टून: महिला दिवस मनाने वाले
यौन पीड़ितों के कपड़े जमा करती है ये महिला
"लेकिन कई थाई महिलाओं के लिए ये डरावना बन गया है. क्योंकि वो जानती हैं कि बाहर निकलने पर उनके साथ कुछ भी हो सकता है."
2016 में थाईलैंड्स वुमन एंड मैन प्रोग्रेसिव मूवमेंट फाउंडेशन द्वारा एक सर्वे कराया गया था जिसमें पाया गया कि 1650 महिलाओं में से आधी से ज़्यादा महिलाओं को त्योहार के समय किसी न किसी प्रकार के यौन उत्पीड़न के बुरे अनुभव हुए हैं.
बिशप कहती हैं कि उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि उनकी पोस्ट लोगों का इतना ध्यान आकर्षित करेगी. आशा करती हूं कि ये बातचीत सोंगक्रान से आगे भी बढ़े.
"दुनियाभर में नारीवादी आंदोलन होते हैं, #MeToo जैसे आंदोलन के बाद इन मुद्दों पर बातचीत हो रही है लेकिन मैं उम्मीद करती हूं कि यहां ये बात सोंगक्रान से भी आगे बढ़े."
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