अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता भले ही ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात करते हों, लेकिन आरएसएस के संघ प्रमुख मोहन भागवत इससे इत्तेफ़ाक नहीं रखते.
एक किताब के विमोचन के मौके पर उन्होंने कहा, "ये सब राजनीतिक नारे हैं. आरएसएस की ये भाषा नहीं है."
"मुक्ति शब्द राजनीति में उपयोग होता है. हम कभी किसी को अलग करने की भाषा का उपयोग नहीं करते."
संघ प्रमुख ने कहा कि नकारात्मक सोच वाले सिर्फ़ विवाद और बंटवारे की बात ही सोच सकते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक जबसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल से गठबंधन तोड़ा है, उसके बाद से बिहार में 200 सांप्रदायिक घटनाएं हो चुकी हैं.
अख़बार ने अधिकारिक रिकॉर्ड में पाया है कि सिर्फ़ इसी साल ही अब तक ऐसी 64 घटनाएं हो चुकी हैं.
पिछले महीने मार्च में ही ऐसी 30 सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं और ज़्यादातर घटनाएं तब हुईं जब कोई धार्मिक जुलूस मुसलमानों के इलाके से गुज़रा.
उत्तर प्रदेश में अब तक हज़ार एनकाउंटर
द हिंदू अख़बार में छपा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने का बाद से अब तक पुलिस ने हज़ार से ज़्यादा एनकाउंटर किए हैं.
योगी सरकार के मार्च 2017 में सत्ता संभालने के बाद इन मुठभेड़ों में 49 लोग मारे जा चुके हैं, 370 घायल हुए हैं और 3 हज़ार से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
विपक्ष का आरोप है कि ये फ़र्ज़ी एनकाउंटर हैं और सवाल उठाया जा रहा है कि मरने वालों में ज़्यादातर दलित, मुस्लिम या पिछड़ी जाति के ही लोग कैसे हैं.
राज्य मानवाधिकार आयोग ऐसी चार मुठभेड़ों की जांच भी कर रहा है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी फ़रवरी में उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे.
‘ग्रैंड क्रैब‘ वायरस, कंप्यूटर हैक कर मांगता है फ़िरौती
दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय साइबर स्पेस में ‘ग्रैंड क्रैब’ नाम का नया रैनसमवेयर सक्रिय हो रहा है.
यह मोबाइल या कंप्यूटर को हैक कर लॉक कर लेता है और फिर सिस्टम खोलने के बदले में यूजर से फ़िरौती की मांग करता है.
साइबर स्पेस में इसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एडवायज़री जारी की है.
रूसी हैकर्स का बनाया ग्रैंड क्रैब वायरस जनवरी में फैला और दो महीने में इसने 53 हजार यूजर्स को प्रभावित किया.
सांसद सचिन ने छह साल का वेतन किया दान
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक सचिन तेंदुलकर ने राज्यसभा सांसद के तौर पर मिले वेतन के 90 लाख रूपए प्रधानमंत्री कोष में दान कर दिए.
उनका कार्यकाल 26 अप्रैल को खत्म हो रहा है.
हालांकि सचिन और रेखा की राज्यसभा में हाजिरी के लेकर कई बार आलोचना हुई.
सचिन तेंदुलकर के दफ़्तर के मुताबिक सचिन ने पूरे देश में 185 योजनाओं को मंज़ूरी दी है जिसके लिए आवंटित 30 करोड़ में से लगभग साढे 7 करोड़ उन्होंने खर्च किए.
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