इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक विपक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ महाभियोग लाने की तैयारी कर रहा है. कांग्रेस इस प्रस्ताव का नेतृत्व कर रही है.
अख़बार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कांग्रेस के नेता डीएमके, समाजवादी पार्टी, एनसीपी और वामपंथी दलों के राज्यसभा सांसदों के हस्ताक्षर हासिल करने में जुटे थे. वहीं तृणमूल कांग्रेस के भी प्रस्ताव का समर्थन करने की उम्मीद है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश के ख़िलाफ़ क़दम उठाने को लेकर पार्टी के भीतर ही मतभेद था और महाभियोग पर अंतिम फ़ैसले से पहले लंबी चर्चा की गई है.
इतिहास में पहली बार सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठ जजों ने देश के सामने आकर सर्वोच्च न्यायालय में चल रही अनियमितताओं को लेकर संवाददाता सम्मेलन किया था.
इन जज़ों में जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ़ शामिल थे.
भारतीय जनता पार्टी के ख़िलाफ़ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशें कर रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के सामने मज़बूत पार्टी के उम्मीदवार उतारने का प्रस्ताव दिया है. ममता बनर्जी ने कहा है कि जहां जो पार्टी मज़बूत है वो भाजपा के ख़िलाफ़ लड़े और बाकी विपक्षी दल उस पार्टी का सहयोग करें. ममता बनर्जी ने मंगलवार को दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाक़ात की है. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक ममता बनर्जी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संपर्क में भी हैं. जब ममता बनर्जी से कभी विपक्ष के साथ रहे और अब भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लालू यादव उन्हें देख लेंगे.
इंडियन एक्स्प्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक कैंब्रिज एनेलिटिका के बारे में जानकारियां सार्वजनिक करने वाले पूर्व कर्मचारी ने ब्रितानी संसद में कहा है कि कंपनी ने भारत में बड़े पैमाने पर काम किया है. ब्रितानी संसद की डिजिटल, साहित्य, खेल और मीडिया समिति के समक्ष पेश क्रिस्टोफ़र वाइली ने कंपनी के भारत में काम के बारे में बताते हुए कहा, "मुझे लगता है कि उनकी ग्राहक कांग्रेस थी. लेकिन मैं जानता हूं कि इस कंपनी ने सभी तरह के प्रोजेक्ट किए हैं. मुझे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के बारे में नहीं पता मैं क्षेत्रीय प्रोजेक्ट के बारे में जानता हूं. कंपनी का भारत में दफ़्तर है और कर्मचारी भी हैं. मेरे पास भारत से जुड़े दस्तावेज़ भी हैं जिन्हें मैं समिति के समक्ष पेश कर सकता हूं अगर इसमें रुचि हो तो."
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल में तोड़ी गई मौलाना आज़ाद की प्रतिमा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले में रविवार को निकाली गई सशस्त्र यात्रा के दौरान मौालाना आज़ाद की प्रतिमा तोड़ दी गई थी. इस रैली का नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस के नेता कर रहे थे. ये घटना कोलकाता से 40 किलोमीटर दूर भटपुरा इलाक़े में हुई थी. क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक रैली में शामिल लोगों के पास तलवारें और त्रिशूल थे और इसमें टीएमसी के विधायक अर्जुन सिंह और भटपुरा नगरपालिका के चेयरमैन मोहम्मद मक़सूद आलम भी शामिल थे. वहीं आलम का कहना है कि उनकी रैली पर बुरी नीयत रखने वाले तत्वों ने क़ब्ज़ा कर लिया था और इसमें भाजपा के समर्थन में नारे लगाए गए थे.
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