<p>सीबीआई ने रोटोमैक पेन और पान पराग ब्रैंड से जुड़े विक्रम कोठारी को गिरफ़्तार कर लिया है.</p><p>विक्रम कोठारी के साथ उनके बेटे को भी गिरफ़्तार किया गया है. दोनों ही रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर के निदेशक थे.</p><p>इससे पहले ये ऐसी अफ़वाह फैली थी कि नीरव मोदी की तरह कोठारी भी कई बैंकों से लोन लेकर देश से भाग गए हैं. विक्रम कोठारी के शहर में कई ठिकाने हैं.</p><p>19 फरवरी को पुलिस उनके दफ्तर और बंगले पर गई थी. सीबीआई ने कानपुर में ही विक्रम कोठारी से उस दिन लंबी पूछताछ की थी.</p><p>एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया, "सीबीआई टीम ने कानपुर पुलिस से कुछ पुलिस बल की मांग की थी. वो हमने उन्हें मुहैया करा दिया था."</p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/india-43110260">PNB स्कैम: नीरव मोदी को कैसे रोका जा सकता था?</a></p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/india-43102175">मोदी ‘काल’ का पहला बैंक घोटाला नहीं है पीएनबी</a></p><h1>’अलग-अलग बैंकों से लिया है लोन'</h1><p>जैसे ही ये अफ़वाह शहर में फैलने लगी तो विक्रम कोठारी ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया कि वो कानपुर में ही हैं और कहीं भागने वाले नहीं हैं.</p><p>उन्होंने कहा, "कानपुर में ही इज़्ज़त और नाम कमाया है. न मैं अपना शहर छोड़ूंगा न अपना देश. हाँ, बैंकों का मुझ पर लोन है. उसे पूरा चुकाऊंगा."</p><p>यूपी बैंक एम्प्लाइज़ एसोसिएशन के सचिव सुधीर सोनकर के मुताबिक, ‘कोठारी ने अलग-अलग बैंकों से क़रीब 5000 करोड़ रुपये का लोन लिया है.'</p><p>सोनकर ने कहा, "इंडियन ओवरसीज़ बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक ने कोठारी को लोन दिए थे."</p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/india-43098155">पीएनबी घोटालाः राहुल ने उठाए पीएम की चुप्पी पर सवाल</a></p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/india-43074234">पीएनबी स्कैम: ‘किसी को बख़्शा नहीं जाएगा'</a></p><h1>देश का पहला पान मसाला</h1><p>कोठारी परिवार सिर्फ़ कानपुर ही नहीं, भारत और विश्व में भी देश का पहला पान मसाला बनाने के लिए मशहूर हुआ.</p><p>मनसुख भाई कोठारी ने अपने दो पुत्र विक्रम और दीपक के साथ 1973 में पान पराग के नाम से पान मसाला बनाना शुरू किया. एक छोटे पाउच में पान मसाला लोगों को बहुत पसंद आया.</p><p>उसके बाद कानपुर पान मसाला कारोबार का पूरे भारत में केंद्र बिंदु बन गया. साथ ही कानपुर पान मसाला खाने वालों के लिए बदनाम भी हुआ और मुख कैंसर का एक बड़ा कारण बना. </p><p>1992 में विक्रम कोठारी पान पराग से अलग हो गए उन्होंने रोटोमैक पेन का कारखाना कानपुर में खोला. </p><p>आज के दौर में किसी फ़िल्मी सितारे का विज्ञापन में आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन अस्सी के दशक में अशोक कुमार और शम्मी कपूर जैसे फ़िल्मी कलाकार पान पराग के विज्ञापनों में दिखा करते थे तो नब्बे के दशक में रवीना टंडन और जावेद अख़्तर रोटोमैक पेन के इश्तेहार में. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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पान पराग और रोटोमैक वाले विक्रम कोठारी को सीबीआई ने किया गिरफ़्तार
<p>सीबीआई ने रोटोमैक पेन और पान पराग ब्रैंड से जुड़े विक्रम कोठारी को गिरफ़्तार कर लिया है.</p><p>विक्रम कोठारी के साथ उनके बेटे को भी गिरफ़्तार किया गया है. दोनों ही रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर के निदेशक थे.</p><p>इससे पहले ये ऐसी अफ़वाह फैली थी कि नीरव मोदी की तरह कोठारी भी कई बैंकों से लोन […]
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