कुछ ऐसी भी बीमारियां या समस्याएं होती हैं, जो जीवन के लिए तो खतरनाक नहीं होतीं, लेकिन जीवन में घोर निराशा जरूर भर देती हैं. ऐसी ही कुछ प्रमुख समस्याएं हैं कटे होंठ व तालू, जलने या घाव के कारण आयी विकृति. आज मेडिकल साइंस इतना विकसित हो चुका है कि इन समस्याओं से काफी हद तक छुटकारा पाना संभव है. इन समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर तकनीक है प्लास्टिक सर्जरी. इसके जरिये कैसे जीवन में फिर से मुस्कान बिखेरी जा सकती है, बता रहे हैं प्रतिष्ठित डॉक्टर.
प्लास्टिक सर्जरी के नाम से आम तौर पर लोग समझते हैं कि प्लास्टिक के माध्यम से सर्जरी की जायेगी, मगर ऐसा कुछ नहीं है. प्लास्टिक शब्द ग्रीक वर्ड ‘प्लास्टिको’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है नया आकार देना. प्लास्टिक सर्जरी हाइटेक होती टेक्नोलॉजी में बहुत विस्तृत हो चुकी है. वर्तमान में इस सर्जरी से मोटापा कम करने से लेकर एक्सीडेंट में कटे अंगों को जोड़ना भी संभव हो चुका है. जन्मजात विकृतियों को भी दूर किया जा सकता है.
सजर्री का है विस्तृत क्षेत्र
प्लास्टिक सर्जरी आमतौर पर त्वचा के टिश्यू के फैक्टर पर काम करती है. सर्जरी में स्किन टिश्यू की मदद से शरीर के किसी भी अंग की स्किन को हटा कर, उस हिस्से के आकार को बदला जा सकता है. सर्जरी के कुछ समय बाद ही अंग सामान्य लगने लगता है. वर्तमान में सौंदर्य के प्रति लोगों के बढ़ते आकर्षण से भी प्लास्टिक सर्जरी की डिमांड बढ़ी है. सर्जरी को अनेक क्षेत्रों में बांटा गया है. कुछ प्रमुख निम्न हैं :
त्नकॉस्मेटिक सर्जरी : यह सर्जरी लुक इम्प्रूव करने के लिए की जाती है. आज कॉस्मेटिक सर्जरी का इस्तेमाल भारत में भी बड़े स्तर पर हो रहा है. हाइ प्रोफाइल लोग ही नहीं, मध्यवर्गीय श्रेणी से जुड़े लोग भी यह सर्जरी करा रहे हंै. हाइटेक होती टेक्नोलॉजी के कारण यह पहले की अपेक्षा सस्ती हो चुकी है. इसके अंतर्गत टमी-टक (निकला हुआ पेट), फेस लिफ्ट, नाक सौंदर्यीकरण, ब्रेस्ट रिडक्शन आदि किये जाते हैं.
जन्म से कटे होंठ या तालू : इस सर्जरी से जन्म से कटे होंठ व तालू आदि सही किये जाते हैं. कटे हुए होंठ व तालू ऑपरेशन के बाद सामान्य लगने लगते हैं..