असांजे ने 2012 से ही इक्वेडोर के दूतावास में शरण ले रखी है. वरिष्ठ जिला जज एम्मा अर्बथनॉट ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में कहा कि वह असांजे की कानूनी टीम की इस दलील से संतुष्ट नहीं हैं कि जमानत की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करना जनहित में नहीं है. जज एम्मा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि गिरफ्तारी एक उचित जवाब है, हालांकि असांजे ने अपनी आजादी कई सालों के लिए सीमित कर ली है.”
उन्होंने कहा कि प्रतिवादी को कहा गया कि वह अदालत आकर अपनी पसंद के परिणामों का सामना करें. उनमें ऐसा करने का साहस होना चाहिए. इस मामले में आगे कदम बढ़ाना जनहित के खिलाफ नहीं है. स्वीडिश अभियोजकों ने असांजे के खिलाफ जांच बंद कर दी है, लेकिन लंदन के नाइट्सब्रिज स्थित इक्वेडोर दूतावास से वह बाहर निकलते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.
असांजे के वकीलों ने मांग की थी कि वारंट वापस ले लिया जाये क्योंकि स्वीडन अब उनका प्रत्यर्पण नहीं चाहता. लेकिन जज ने पिछले हफ्ते भी असांजे की यह अर्जी खारिज कर दी थी. असांजे के वकीलों ने दलील दी थी कि 2012 में जारी वारंट को बरकरार रखना अब जनहित में नहीं है. स्वीडन प्रत्यर्पित किये जाने के खिलाफ अपनी कानूनी लड़ाई के दौरान असांजे ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ यह वारंट जारी किया गया था.