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भारत- चीन सीमा विवाद शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए तैयार

बीजिंग : चीनी विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि भारत और चीन को डोकलाम समेत अपने सीमा विवाद को ‘‘शांतिपूर्ण तरीके” से देखना चाहिये और मौजूदा तंत्र के जरिये उन्हें सुलझाना चाहिये. चीनी दैनिक ग्लोबल टाइम्स में छपे चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले के एक साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया करते हुये चीनी विदेश मंत्रालय की […]

बीजिंग : चीनी विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि भारत और चीन को डोकलाम समेत अपने सीमा विवाद को ‘‘शांतिपूर्ण तरीके” से देखना चाहिये और मौजूदा तंत्र के जरिये उन्हें सुलझाना चाहिये. चीनी दैनिक ग्लोबल टाइम्स में छपे चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले के एक साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया करते हुये चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चूनयिंग ने यहां कहा कि मौजूदा तंत्र के जरिये मतभेदों को हल किया जा सकता है.

भारतीय राजदूत ने अपने साक्षात्कार में कहा था कि 3,488 किलोमीटर की सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में यथास्थिति में बदलाव नहीं किया जाना चाहिये. उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हमने यह नोट किया कि राजदूत ने इस मुद्दे के संदर्भ में बयान दिया है. ” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कहना चाहिये कि दोनों देशों को सीमा मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से देखना चाहिये और सीमा-संबंधी मौजूदा तंत्रों के जरिये इनका समाधान करना चाहिये जिससे हम हमारे मतभेदों के उचित समाधान के लिये स्थितियां और सक्षम माहौल बना सकें.

सीमा पर तनाव को लेकर चर्चा करने के लिये व्यवस्था के अलावा भारत और चीन में सीमा विवाद को लेकर मतभेद के समाधान के लिये विशेष प्रतिनिधि स्तर की सीमा वार्ता का तंत्र भी मौजूद है। एक नई उपग्रह तस्वीर में दिख रही दोनों तरफ की मोर्चेबंदी को लेकर पूछे गये सवाल पर हुआ ने जोर देकर कहा कि डोकलाम चीनी भूभाग है और चीन उस इलाके में अपने प्रतिष्ठान बना रहा है.
भूटान यहां अपनी संप्रभुता का दावा करता है. उन्होंने 1890 में ब्रिटेन और चीन के बीच हुई संधि का संदर्भ देते हुये कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा का सिक्किम क्षेत्र इस ऐतिहासिक संधि से सीमांकित है और यह चीन के न्यायक्षेत्र में आती है. हुआ ने कहा, ‘‘चीन ने हमेशा डोंगलांग (डोकलाम) समेत अपने सीमावर्ती इलाकों में संप्रभुता को कायम रखा है.
उपग्रह की तस्वीरों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मै जोर देकर कहना चाहूंगी कि यह (इलाका) चीन की संप्रभुता में आता है जिसमें हम डोंगलांग इलाके में प्रतिष्ठानों का निर्माण कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘कुछ भारतीय मीडिया में इलाके में सैन्य जमाव और आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को लेकर खबरें आई हैं। वे इस बारे में काफी उत्साहित हैं.

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