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पनामा लीक : शरीफ ने कहा-उन्हें गलत साबित करने को कोई सबूत नहीं

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने कमजोर आधार पर उन्हें पद के लिए अयोग्य ठहराया था और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं जिससे साबित हो सके कि उन्होंने कोई अपराध किया है. नवाज शरीफ ने कथित भ्रष्टाचार के तीन मामलों के खिलाफ भ्रष्टाचार […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने कमजोर आधार पर उन्हें पद के लिए अयोग्य ठहराया था और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं जिससे साबित हो सके कि उन्होंने कोई अपराध किया है. नवाज शरीफ ने कथित भ्रष्टाचार के तीन मामलों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी अदालत द्वारा चलाए जा रहे मुकदमे में पेश होने के बाद यह बात कही. ये मामले पनामा पेपर मामले से जुड़े हुए हैं जिनके चलते तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ को इस्तीफा देना पड़ा था.

उन्होंने कहा, वह मेरे खिलाफ किसी तरह का अपराध अब तक साबित नहीं कर पाये हैं. शरीफ ने कहा कि उन्हें कमजोर आधारों पर अयोग्य ठहराया गया और कहा मेरे द्वारा किसी तरह का अपराध किये जाने के खिलाफ सबूत जुटाने के प्रयास जारी हैं. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा 28 जुलाई को सुनाये गये फैसले के बाद आठ सितंबर को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामले दर्ज किये गये थे. इसी फैसले में शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य भी ठहराया गया था और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करने का आदेश दिया था.

जवाबदेही अदालत के जज मुहम्मद बशीर ने शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मुहम्मद सफदर के खिलाफ सुनवाई की. अदालत ने बाद में सुनवाई नौ जनवरी तक के लिए टाल दी. पाकिस्तान की ताकतवर सेना के साथ एक समझौता होने की खबरों के बीच शरीफ 30 दिसंबर को सऊदी अरब गये थे, लेकिन वह मंगलवार को अपने छोटे भाई शाहबाज शरीफ के साथ वापस लौट आये.

ब्यूरो ने अदालत में दो गवाह पेश किये जिनके बयान रिकॉर्ड किये गये और बचाव पक्ष के वकील ने उनसे जिरह की. तीसरा गवाह जो पहले ही पेश हो चुका था उसे भी अतिरिक्त दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए दुबारा बुलाया गया था. सुनवाई के बाद शरीफ ने एक बार फिर अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान पर निशाना साधा जिन्हें मंगलवार को एक आतंकवाद रोधी अदालत ने हिंसा के चार मामलों में जमानत दे दी. उन्होंने खान के खिलाफ पिछले महीने भ्रष्टाचार के एक मामले को निरस्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय की भी आलोचना की.

शरीफ ने कहा, खान ने धोखाधड़ी स्वीकार की थी, लेकिन उनके माफीनामे को अदालत ने स्वीकार कर लिया. उन्होंने सऊदी अरब के अपने हालिया दौरे का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष की आलोचना की और कहा कि वह सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान के ऐतिहासिक संबंधों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. यह तीन मामले अल-अजीजिया स्टील मिल्स, फ्लैगशिप इंवेस्टमेंट लिमिटेड समेत कई कंपनियों और लंदन के एवेनफील्ड में खरीदी गयी संपत्तियों से जुड़े हुए हैं. शरीफ और उनका परिवार विदेश में अघोषित संपत्ति रखने के आरोपों का सामना कर रहा है.

मामले की पिछली सुनवाई 19 दिसंबर को हुई थी. अदालत ने फ्लैगशिप इंवेस्टमेंट और एवनफील्ड संपत्तियों के मामले में अबतक 16 बार सुनवाई और अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले में 20 बार सुनवाई की है. शरीफ अब तक 11 बार सुनवाई में शामिल हुए हैं. अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराये हैं. देश के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवार और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पार्टी का नेतृत्व करनेवाले शरीफ का राजनीतिक भविष्य तब से दांव पर लगा हुआ है. अगर वह दोषी साबित होते हैं तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. शरीफ परिवार का आरोप है कि यह मामले राजनीति से प्रेरित हैं.

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