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छठे चरण में आपराधिक मामले वाले उम्मीदवारों का सर्वाधिक प्रतिशत बिहार में

पंचातनामा डेस्क एक ओर जहां दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाये लोगों इस बार लोकसभा चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं, वहीं बड़ी संख्या में ऐसे दागी व्यक्ति चुनाव लड़ रहे हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं. नेशनल इलेक्शन वाच ने लोकसभा चुनाव के छठे चरण के 2071 […]

पंचातनामा डेस्क

एक ओर जहां दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाये लोगों इस बार लोकसभा चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं, वहीं बड़ी संख्या में ऐसे दागी व्यक्ति चुनाव लड़ रहे हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं. नेशनल इलेक्शन वाच ने लोकसभा चुनाव के छठे चरण के 2071 उम्मीदवारों के हलफनामे के विेषण के बाद जारी रिपोर्ट में कहा है कि 321 यानी 15 प्रतिशत उम्मीदवार पर आपराधिक मामले हैं. इनमें 204 ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं. इस चरण के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.76 करोड़ रुपये है. नेशनल इलेक्शन वॉच व उसके सहयोगी एडीआर ने छठे चरण के 2077 उम्मीदवारों में 2071 उम्मीदवारों के स्वघोषित हलफनामे के अध्ययन के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है.

लोकसभा चुनाव के लिए 24 अप्रैल (छठा चरण) को हुए मतदान में भाग्य अजमा रहे उम्मीदवारों में आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का सर्वाधिक प्रतिशत बिहार-झारखंड से है. इलेक्शन वाच व एडीआर के द्वारा उम्मीदवारों के हलफनामे के आधार पर तैयार की गयी रिपोर्ट के अनुसार, इस फेज में बिहार में किस्मत आजमाने वाले 35 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जबकि झारखंड से किस्मत आजमाने वाले ऐसे उम्मीदवारों का प्रतिशत 26 है. इस चरण में बिहार की सात सीटों से चुनाव लड़ रहे 108 उम्मीदवारों में 38 पर आपराधिक मामले हैं. वहीं, झारखंड में चार सीटों से चुनाव लड़ रहे 72 उम्मीदवारों में से 19 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं. वहीं, महाराष्ट्र में 20, पुड्डुचेरी में 20, मध्यप्रदेश में 18, उत्तरप्रदेश में 16, पश्चिम बंगाल में 14, तमिलनाडु में 12, असम में 11, राजस्थान में नौ, छत्तीसगढ़ व झारखंड में आठ-आठ प्रतिशत ऐसे उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. अगर पार्टी के नजरिये से इस प्रतिशत को देखें तो सर्वाधिक आपराधिक मामलेवाले सर्वाधिक उम्मीदवार सीपीआइ(एम) के 38 प्रतिशत हैं. उसके बाद कांग्रेस के 32 प्रतिशत, सपा के 27 प्रतिशत, भाजपा के 26 प्रतिशत, बसपा के 24 प्रतिशत, डीएमके के 20 प्रतिशत, अन्नाद्रमुक के 18 प्रतिशत, आप के 14 प्रतिशत, तृणमूल कांग्रेस के आठ प्रतिशत व निर्दलीय आठ प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं.

कांग्रेस के 82 प्रतिशत व भाजपा के 75 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति
छठे चरण के चुनाव लड़ उम्मीदवारों में से कांग्रेस के 82 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि भाजपा में करोड़पति उम्मीदवारों का प्रतिशत 75 है. डीएमके के 94 प्रतिशत व अन्नाद्रमुक के 80 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं. सपा के 52 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी के 45 प्रतिशत, तृणमूल कांग्रेस के 35 प्रतिशत, बसपा के 27 प्रतिशत व सीपीआइ(एम) के 14 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं. राज्य के हिसाब से करोड़पति उम्मीदवारों का प्रतिशत देखें, तो सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार जम्मू कश्मीर में हैं. उत्तरप्रदेश में 35 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 33 प्रतिशत, असम में 30 प्रतिशत, राजस्थान में 26 प्रतिशत, बिहार में 24 प्रतिशत, झारखंड, पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु में 21 प्रतिशत, मध्यप्रदेश व पुड्डुचेरी में 20 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार हैं. जबकि छत्तीसगढ़ से 15 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं.

सातवें चरण के 17% उम्मीदवारों पर दर्ज हैं मामले
लोकसभा चुनाव 2014 के सांतवे चरण के होने वाले चुनाव में हिस्सा ले रहे 1292 उम्मीदवारों में से 222 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन उम्मीदवारों में से 139 पर गंभीर आपराधिक केस घोषित किये गये हैं. नेशनल इलेक्शन वॉच तथा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक र्फिाम (एडीआर) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है.

बिहार के सात संसदीय क्षेत्रों से 94 उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को उपलब्ध करायी गयी सूचना का एडीआर द्वारा विेषण किये जाने पर यह पाया गया कि 31 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन 31 उम्मीदवारों के पास कुल संपत्ति एक करोड़ रुपये मूल्य की है. आंध्रप्रदेश की 17 सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे 265 उम्मीदवारों में से 49 पर आपराधिक मुकदमा दर्ज है. 222 उम्मीदवारों में से 139 उम्मीदवारों पर हत्या, हत्या की कोशिश, सांप्रदायिक भावना को उकसाने, चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन तथा महिला उत्पीड़न आदि के मामलों में केस दर्ज है और उन्हें अपराधी घोषित किया गया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, मधेपुरा सीट से राजद उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर सबसे अधिक आपराधिक केस दर्ज है. पप्पू यादव पर 24 केस दर्ज है. इसके बार सूरत सीट से जदयू के वासावा किशोरभाई छोटूभाई पर 17 आपराधिक मामलों में केस तथा उत्तरप्रदेश के उन्नाव सीट से भाजपा उम्मीदवार स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी पर आठ मामलों में आपराधिक केस दर्ज है.

चार उम्मीदवारों पर हत्या के मामलों में केस दर्ज है. हत्या की कोशिश के मामले में 19 उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमा, 10 उम्मीदवारों पर सांप्रदायिक मतभेद फैलाने, चार उम्मीदवारों पर भ्रष्टाचार के मामलों में तथा सात उम्मीदवारों पर चुनाव आचार संहिता के मामलों में मुकदमा दर्ज है. चुनावी रणक्षेत्र में उतरे 11 उम्मीदवारों पर महिला के खिलाफ विभिन्न हिंसा के मामलों में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के 81 उम्मीदवारों में 27 उम्मीदवार, भाजपा के 68 उम्मीदवारों में 24 उम्मीदवार, आम आदमी पार्टी के 68 उम्मीदवारों में सात, बहुजन समाजवादी पार्टी के 83 उम्मीदवारों में से 16 तथा 485 निर्दलीय उम्मीदवारों में 55 उम्मीदवारों के हलफनामे में उन पर दर्ज आपराधिक केस का उल्लेख है. गंभीर आपराधिक मामलों में कांग्रेस के 81 उम्मीदवारों में से सात, भाजपा के 68 उम्मीदवारों में से 19, आम आदमी पार्टी के 68 उम्मीदवारों में से चार, बहुजन समाजवादी पार्टी के 83 उम्मीदवारों में से 10 तथा 485 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 34 उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध के मामले घोषित किये गये हैं. एडीआर ने 1292 उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति को भी उजागर किया गया है. 1292 उम्मीवारों में से 341 उम्मीदवार यानी 26 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं.

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