आइबीपीएस द्वारा आयोजित बैंक पीओ और आरआरबी पीओ की परीक्षा के पहले दो चरणों में सफल उम्मीदवारों के लिए अंतिम चरण साक्षात्कार का आयोजन दिसंबर और जनवरी माह में होने वाला है. इस परीक्षा में साक्षात्कार एक निर्णायक चरण होता है. अत: इसमें निश्चित सफलता के लिए एक उम्मीदवार को साक्षात्कार के सभी पहलुओं से सही प्रकार से अवगत होना आवश्यक है.
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क्या आप बैंक पीओ के इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं? तो ध्यान दें…
आइबीपीएस द्वारा आयोजित बैंक पीओ और आरआरबी पीओ की परीक्षा के पहले दो चरणों में सफल उम्मीदवारों के लिए अंतिम चरण साक्षात्कार का आयोजन दिसंबर और जनवरी माह में होने वाला है. इस परीक्षा में साक्षात्कार एक निर्णायक चरण होता है. अत: इसमें निश्चित सफलता के लिए एक उम्मीदवार को साक्षात्कार के सभी पहलुओं से […]
साक्षात्कार क्या है
साक्षात्कार किसी परीक्षा का वह चरण है, जहां एक अभ्यर्थी के साथ बातचीत के माध्यम से उसके व्यक्तित्व के प्रत्यक्ष तथा परोक्ष गुणों-अवगुणों व संभावनाओं का विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा सूक्ष्म अवलोकन किया जाता है. विशेषज्ञ सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि अभ्यर्थी संबंधित पद के लिए सभी प्रकार से योग्य है या नहीं.
साक्षात्कार के दौरान समान्यत: एक अभ्यर्थी की बोलचाल की शैली, दृष्टिकोण एवं स्वयं के प्रति विश्वास, निर्णय क्षमता, सामान्य ज्ञान, कार्य के प्रति उत्साह एवं रूचि, चरित्र, नेतृत्व क्षमता, पहनावा , कार्य क्षमता, समझदारी जैसे गुणों को मुख्य रूप से जांचा परखा जाता है.औपचारिक बातचीत साक्षात्कार का मुख्य माध्यम होता है. अत: उस बातचीत के आयामों को समझना चाहिए.
बातचीत के सामान्यत: तीन आधारभूत आयाम होते हैं. पहला स्वयं अभ्यर्थी एवं उसकी पृष्ठभूमि, जिसमें अभ्यर्थी की शिक्षा, परिवार, समाज, हॉबीज, व्यक्तिगत उपलब्धियां, प्राथमिकताएं इत्यादि शामिल होती हैं. दूसरा वह ऑर्गनाइजेशन जो अभ्यर्थी का गंतव्य है और जिसमें उसे कार्य करना है. उस आॅर्गेनाइजेशन का गठन, कार्यप्रणाली, क्षमता एवं विस्तार,
संभावना, उपलब्धियां एवं समस्याएं इत्यादि. तीसरा सामान्य ज्ञान, जिसमें अभ्यर्थी की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक एवं विज्ञान से संबंधित जागरूकता को शामिल किया जाता है.
साक्षात्कार के लिए सुझाव
विद्यार्थियों को अभी बैंकिंग के लिए साक्षात्कार की तैयारी करनी है. अत: यहां अभ्यर्थियों को बैंकिंग, आर्थिक एवं वित्तीय सेक्टर की विषेश समझ विकसित करें. दो तीन राष्ट्रीय समाचार पत्र प्रतिदिन पढ़ें. दो से तीन मानक मासिक पत्रिकाएं पढ़ें. साथ ही, यदि आवश्यक हो तो आर्थिक शब्दावलियों एवं टर्म्स (जैसे, सीआरआर, एसएलआर, बैंक रेट, जीडीपी, जीएनपी, बजट, करंसी, इंफ्लेशन , लोन) के लिए किसी आधार पुस्तक को भी प्रतिदिन जरूर पढ़ें.
छद्म साक्षात्कार में शामिल हो कर स्वयं को निखारें. अपनी कमियां पहचान कर उन्हें दूर करें, इस प्रकार के अभ्यास से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है तथा व्यक्तित्व को एक्सपोजर मिलता है.साक्षात्कार की शुरुआत प्राय: बायोडाटा से होती है. अत: एक अच्छा, संतुलित एवं त्रुटिरहित बायोडाटा बनाकर प्रतिदिन उसका अध्ययन करें. उससे क्या-क्या प्रश्न बन सकते हैं, इस पर मनन करें. साथ ही साथ अपने शहर, गांव, प्रखंड, जिला, गृह राज्य से संबंधित जानकारी जुटायें.
पर्याप्त नींद, आराम, पोषक भोजन एवं सम्यक व्यायाम से मस्तिष्क ताजा एवं प्रभावोत्पादक रहता है. कई बार अभ्यर्थी बेहतर प्रदर्शन के दबाव में इनकी अवहेलना कर देते हैं और बीमार पड़ कर कमजोर और चिड़चिड़े हो जाते हैं.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अपना परिचय दें, नाम का क्या अर्थ है? आप के नाम के ही कुछ और प्रसिद्ध व्यक्ति इत्यादि.
आप इस ऑर्गनाइजेशन में क्यों आना चाहते हैं?
हम लोग आप का चयन क्यों करें?
आपके अंदर कौन से गुण व अवगुण हैं?
आप की वर्तमान राजनीतिक स्थिति के बारे में क्या राय है?
बैंकिंग के बारे में आप क्या जानते हैं?
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