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जो कभी प्लेन में नहीं बैठी, वो आज सबसे बड़ा प्लेन उड़ाती हैं

<p>मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली एनी दिव्या कभी विमान में नहीं बैठी थीं लेकिन वो आज दुनिया के सबसे बड़े यात्री विमानों मे से एक, बोइंग 777 को उड़ाने वाली सबसे युवा महिला पायलट बन गई हैं. </p><p>30 साल की एनी ये विमान उड़ाने वाली भारत की ही नहीं, शायद दुनिया की सबसे युवा महिला […]

<p>मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली एनी दिव्या कभी विमान में नहीं बैठी थीं लेकिन वो आज दुनिया के सबसे बड़े यात्री विमानों मे से एक, बोइंग 777 को उड़ाने वाली सबसे युवा महिला पायलट बन गई हैं. </p><p>30 साल की एनी ये विमान उड़ाने वाली भारत की ही नहीं, शायद दुनिया की सबसे युवा महिला कमांडर हैं. बोइंग 777 विमान इतना बड़ा होता है कि इसमें एक साथ 350 से 400 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होती है. </p><h1>आर्थिक चुनौतियां थीं</h1><p>पंजाब के पठानकोट में जन्मी एनी के पिता सेना में सिपाही थे. जब वो 10 साल की थीं तो पिता की पोस्टिंग आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में हो गई थी.</p><p>पायलट बनने का सपना तो एनी ने बचपन से ही देखा था, लेकिन उनके सपनों की उड़ान इतनी आसान नहीं थी. </p><p>पिता की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वो बेटी को पायलट की पढ़ाई के लिए 15 लाख रुपए फीस दे सकें. लिहाज़ा पिता ने कुछ पैसे दोस्तों से उधार लिए और बाक़ी लोन कराने का फ़ैसला किया. </p><p>&quot;एनी कहती हैं कि मेरे पेरेंट्स ने मेरे सपनों पर भरोसा किया. मैं आज जो कुछ भी हूं, उन्हीं की बदौलत हूं.&quot;</p><p>फ़ीस का इंतज़ाम होने के बाद एनी को उत्तर प्रदेश के फ्लाइंग स्कूल, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी में दाखिला तो मिल गया था लेकिन चुनौतियां खत्म नहीं हुई थीं.</p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/international/2015/08/150729_vert_cap_indian_women_pilot_pk">भारत में महिला पायलट होना कितना मुश्किल?</a></p><p><strong>अकादमी में अंग्रेज़ी </strong><strong>सीखने की </strong><strong>चुनौती</strong></p><p>एक पायलट को अलग-अलग देशों में जाना होता है, अलग-अलग लोगों से मिलना होता है इसलिए इस फील्ड में अंग्रेज़ी का काफी महत्व होता है. एनी की अंग्रेज़ी अच्छी नहीं थी इसलिए अपनी अंग्रेज़ी सुधारने के लिए वो अपने सहपाठियों और अन्य लोगों से टूटी-फूटी अंग्रेज़ी में बात करने लगीं. </p><p>वो बताती हैं, &quot;पहले सभी लोग मुझ पर हंसते थे, मेरा मज़ाक बनाते थे. लेकिन कुछ समय बाद वही लोग मेरी ग़लतियों को भी सुधारने लगे.&quot; </p><p>&quot;साथ ही मैं अंग्रेज़ी न्यूज़ और फिल्में देखने लगी और गाने सुनने लगी थी. आज मेरी अंग्रेज़ी मेरी हिंदी से बेहतर है.&quot;</p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/india/2016/06/160618_three_fighters_piolt_pk">कहां से निकलीं हैं ये तीन महिला फ़ाइटर पायलट</a></p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/international/2013/06/130613_pakistan_first_female_fighter_pilot_rns">मिलिए पाकिस्तान की पहली महिला फ़ाइटर पायलट से</a></p><h1>17 साल की उम्र में बनी पायलट </h1><p>एनी 17 साल की उम्र में पायलट बन गई थीं. वो कहती हैं, &quot;जब ट्रेनिंग में पहली बार मैंने विमान उड़ाया, तो लगा जैसे मेरा सपना साकार हो गया.&quot;</p><p>19 साल की उम्र में उन्हें एयर इंडिया में नौकरी मिल गई. उस वक्त उन्होंने बोइंग 737 विमान उड़ाया और 21 साल की उम्र में वो बोइंग 777 उड़ाने लगी थीं. हाल ही में वो ये विमान उड़ाने वाली सबसे युवा महिला पायलट बन गई हैं.</p><p>अपनी मंजिल पाने के बाद एनी ने अपने भाई-बहन के सपने पूरे करने में भी मदद की. एनी की बहन अमेरिका में डेंटिस्ट है और भाई ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे हैं. </p><p>एनी बताती है कि उनकी सबसे लंबी फ्लाइट 18 घंटे की थी, जो दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को तक की थी. </p><p>युवा और महिला होते हुए उन्हें काम में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? इस सवाल के जवाब में एनी कहती हैं कि चुनौतियां तो हर काम में होती हैं. लेकिन मैं अपने आप को काम पर फोकस रखती हूं. </p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/india/2016/03/160308_indian_air_force_women_pilot_ac">अब फ़ाइटर विमान चलाएँगी भारतीय महिलाएं</a></p><p><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/magazine-40616692">उड़ते हवाई जहाज़ में दरवाज़ा खुल गया तो?</a></p><h1>कितनी बदली जिंदगी</h1><p>एनी कहती हैं कि उनके संघर्ष ने जिंदगी बदल दी है. वो कहती हैं, &quot;आज भी विजयवाड़ा के कई कॉलेजों में लड़कियों को पैंट-शर्ट पहने की अनुमति नहीं है. लेकिन दुनिया घूमने के बाद मेरी लाइफस्टाइल बदली है और मेरी समझ बढ़ी है. अब मैं कभी न्यूयॉर्क तो कभी फैशन कैपिटल पेरिस में होती हूं. जहां मैं कई लोगों से मिलती हूं, कई चीज़ें देखती हूं.&quot;</p><p>एनी कहती हैं, &quot;मुझे फिट रहना अच्छा लगता है. अच्छा दिखना अच्छा लगता है, जिसके लिए रोज़ाना वर्कआउट करती हूं. हेल्थ का ख्याल रखती हूं. मेरा काम कई बार काफी तनावपूर्ण होता है, तो उस तनाव से भी रिकवर करना पड़ता है.&quot; </p><p>एनी भी किसी आम युवा की तरह ही अपनी जिंदगी का आनंद लेती हैं. खाली समय में उन्हें गाना सुनना, डांस करना, योग करना और दोस्तों से मिलना पसंद है. </p><p>भविष्य की अपनी योजनाओं के बारे में एनी दिव्या कहती हैं कि अब वो दूसरे लोगों को पायलट बनने की ट्रेनिंग देना चाहती हैं. साथ ही वो उन युवाओं को गाइड करना चाहती हैं जो जानकारी के अभाव और दूसरी चुनौतियों की चलते अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते. </p><p>वो सरकार से भी अपील करती हैं, &quot;बहुत कम फ्लाइंग संस्थानों में छात्रों को स्कॉलरशिप मिलती है. लोन की ब्याज दर भी काफी ज़्यादा होती है. सरकार को चाहिए कि पढ़ाई के लिए दिए जाने वाले लोन पर ब्याज की दर कम करे.&quot;</p><h1>अगर आप भी बनना चाहते हैं पायलट</h1><p>कई युवा पायलट बनने का सपना देखते हैं, लेकिन सही गाइडेंस और जानकारी की कमी के चलते उस सपने को पूरा नहीं कर पाते. </p><p>इसके लिए एनी दिव्या कुछ टिप्स दे रही हैं: </p> <ul> <li>स्कूल में 11वीं-12वीं में गणित और फिज़िक्स के सब्जेक्ट रखें. </li> <li>पायलट के कोर्स में दाखिले के लिए कम से कम 50 प्रतिशत मार्क्स होने चाहिए. </li> <li>इस प्रोफेशन के लिए मेडिकल फिटनेस जरूरी है. जॉब इंटरव्यू के समय कई टेस्ट होते हैं. नौकरी मिलने के बाद भी हर साल टेस्ट से गुज़रना पड़ता है इसलिए शुरू से ही हेल्थ का ध्यान रखें.</li> <li>आर्थिक तंगी है तो लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. </li> <li>अपनी अंग्रेज़ी पर लगातार काम करते रहें, ये बेहद ज़रूरी है.</li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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