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माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने शनिवार को पाकिस्तान के डिफेंस ब्लॉग के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है.
इसकी वजह ये थी कि ट्विटर अकाउंट ने एक भारतीय छात्र की झूठी तस्वीर जारी करके उसे अपने देश से नफ़रत करने वाला बताने की कोशिश की. भारतीय मीडिया ने ट्विटर के इस कदम को पाकिस्तानी प्रपंच के ख़िलाफ़ भारत की जीत के रूप में दिखाया.
लेकिन छात्र कवलप्रीत कौर इस पूरे प्रकरण के साथ सहज नहीं है.
क्या है फर्जी ट्वीट की पूरी कहानी?
कवलप्रीत कौर ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने बीती जून में ये तस्वीर गौ रक्षकों द्वारा मुस्लिमों और दलितों के ख़िलाफ़ जारी अत्याचार के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शन के दौरान खिंचाई थी.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, "मैं भारत की नागरिक हूं और अपने संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के साथ खड़ी हूं. मैं अपने देश में मुस्लिमों की भीड़ द्वारा हत्या किए जाने के ख़िलाफ़ लिखूंगी #CitizensAgainstMobLynching."
लेकिन पाकिस्तान डिफेंस ब्लॉग के ट्विटर अकाउंट पर जारी उनकी तस्वीर में प्लेकार्ड पर लिखा था "मैं एक भारतीय हूं लेकिन भारत से नफ़रत करती हूं क्योंकि ये एक उपनिवेशवादी शक्ति है जिसने नागा, कश्मीरी, मणिपुरी, हैदराबाद, जूनागढ़, सिक्किम, मिज़ोरम और गोवा जैसे देशों पर अधिकार किया हुआ है."
‘पाक सेना जवानों का अपमान नहीं करती, चाहे वो भारतीय हो’
इसके साथ जारी ट्वीट में लिखा गया, "भारतीय आखिरकार ये सच मान रहे हैं कि उनका देश असल में एक उपनिवेशवादी शक्ति है."
पाकिस्तान डिफ़ेंस अपने आप को "पाकिस्तानी रक्षा, रणनीतिक मामलों, सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, विश्व रक्षा और सैन्य मामलों पर वन स्टॉप रिसोर्स बताता है. लेकिन ये ब्लॉग पाक सरकार से जुड़ा हुआ नहीं है.
लेकिन पाकिस्तानी सेना के कई अधिकारी और विशेषज्ञ इस अकाउंट को फॉलो करते हैं और मानते हैं कि ये सरकार के एजेंडे पर काम करता है.
ये ब्लॉग दक्षिणपंथी तर्कों को प्रचारित करने के साथ ही लगातार पत्रकारों से लेकर उदारवादी आवाज़ों को अपना निशाना बनाता है.
इस ब्लॉग ने इस मुद्दे पर बीबीसी से अपना पक्ष रखने से इनकार कर दिया.
कौर को मिला लोगों का समर्थन
कौर ने बीबीसी को बताया कि उन्हें अपने एक दोस्त से इस पूरे मामले की जानकारी मिली.
इसके बाद उन्होंने इस ट्विटर अकाउंट से अपनी तस्वीर हटाने की मांग की.
भारत-पाक बंटवारे की वो प्रेम कहानी
कौर कहती हैं, "मैंने देखा कि ये एक वैरिफ़ाइड अकाउंट था. इसके बाद मैंने उनसे ये ट्वीट हटाकर माफी मांगने को कहा लेकिन उन्होंने मेरे ट्वीट को रिट्वीट करके कहा कि ये ट्वीट उन भारतीयों को अलर्ट करने के लिए था कि उन्होंने कश्मीर के साथ क्या किया, जो कि पूरी तरह बकबास है."
इसके बाद कौर ने लोगों से इस अकाउंट के बारे में ट्विटर तक शिकायत पहुंचाने को कहा.
वह बताती हैं कि कई भारतीयों समेत पाकिस्तानियों ने उनके विरोध करने से पहले ही इसका विरोध किया था. इसके बाद ट्विटर ने इस अकाउंट का सस्पेंड कर दिया गया
इसके बाद कई भारतीय मीडिया संस्थानों ने गलती से इसे पाक डिफेंस मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड होने की बात समझकर ख़बरें चलाना शुरू कर दिया.
भारत-पाक कोहरे से लड़ें या एक दूजे से?
कौर कहती हैं कि वह ट्विटर के इस कदम से चिंतामुक्त हुईं. लेकिन अचानक ही वह पाक के ख़िलाफ़ भारत की जीत की पोस्टर गर्ल बन गईं.
उन्होंने कई लोगों से इस मुद्दे को इंडिया-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसा रंग ना बनाने का आग्रह किया.
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "मैं सबसे आख़िरी चीज चाहती हूं कि भारत और पाक विरोधी भावनाओं को भड़काने के लिए मुझे मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जाए."
क्यों हों मोहरे की तरह इस्तेमाल?
वह बताती हैं, "मैंने साबयर सिक्योरिटी सेल में शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसका क्या मतलब क्या हुआ फिर? पाकिस्तानी दक्षिणपंथी ट्विटर अकाउंट्स का मुझे निशाने पर लेना गलत है लेकिन अगर कोई भारत में ऐसा करे तो क्या ठीक है?
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जारी ख़बरों में ये नहीं बताया गया कि भारत में सरकार समर्थित दक्षिण पंथी संस्थाएं उदारवादियों को निशाना बना रही हैं.
"कई लोगों को ट्रोल किया जा रहा है और उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं. यहां तक कि लोगों ने सरकार की आलोचना करने की जगह अपने आवाज़ को दबा लिया है. मैं अपने देश से भी जवाबदेही चाहूंगी."
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