7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमजद ख़ान को ऐसे मिला था गब्बर का रोल

<p>&quot;यहाँ से पचास-पचास कोस दूर जब बच्चा रात को रोता है तो माँ कहती है सो जा बेटे नहीं तो गब्बर आ जाएगा.&quot; </p><p>फ़िल्म ‘शोले’ का ये डायलॉग देने वाले गब्बर सिंह यानी अमजद ख़ान आज अगर ज़िंदा होते तो 77 बरस के होते.</p><p>ऐसा कम ही होता है जब किसी फ़िल्म का खलनायक किवदंती बन […]

<p>&quot;यहाँ से पचास-पचास कोस दूर जब बच्चा रात को रोता है तो माँ कहती है सो जा बेटे नहीं तो गब्बर आ जाएगा.&quot; </p><p>फ़िल्म ‘शोले’ का ये डायलॉग देने वाले गब्बर सिंह यानी अमजद ख़ान आज अगर ज़िंदा होते तो 77 बरस के होते.</p><p>ऐसा कम ही होता है जब किसी फ़िल्म का खलनायक किवदंती बन जाए और वो मूवी अपने विलेन की वजह से याद की जाए. शोले और गब्बर का रिश्ता कुछ ऐसा ही है.</p><p>अमजद खान की ज़िंदगी में गब्बर का रोल यूं ही नहीं आया. </p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/entertainment/2015/08/150813_sholay_facts_va">गब्बर मरने से और जय ज़िंदा होते-होते बचा</a></p><p><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment-39478756">डायरेक्टर या एक्टर की मौत, पर पूरी हुई फ़िल्म!</a></p><h1>गब्बर का रोल</h1><p>गब्बर का रोल पहले डैनी को ऑफ़र हुआ था और ‘स्क्रीन’ मैगज़ीन के कवर पर डैनी समेत ‘शोले’ के स्टारकास्ट की फ़ोटो भी छप गई थी.</p><p>लेकिन डैनी को उसी दौरान अफ़ग़ानिस्तान में फिरोज़ खान की ‘धर्मात्मा’ शूट करनी थी और उन्हें ‘शोले’ छोड़नी पड़ी.</p><p>तब सलीम ख़ान ने जावेद अख़्तर को अमजद ख़ान के बारे में याद दिलाया. </p><p>जावेद अख़्तर ने अमजद ख़ान को कई साल पहले दिल्ली में एक नाटक में देखा था और सलीम ख़ान से उनकी तारीफ़ की थी.</p><p>जब गब्बर के रोल के लिए सलीम-जावेद को किसी एक्टर की तलाश थी तो सलीम ख़ान ने अमजद ख़ान का नाम याद दिलाया जो चरित्र अभिनेता जयंत के बेटे थे.</p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/international/2015/05/150501_sholay_release_pakistan_rd">शोले ने की पाकिस्तान में ज़बरदस्त कमाई</a></p><p><a href="http://www.bbc.com/hindi/entertainment/2013/08/130813_sholay_3d_sk">क्या आप शोले को थ्रीडी में देखना चाहेंगे?</a></p><h1>अमजद ख़ान से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें</h1> <ul> <li>पेशावर के एक पठान परिवार में पैदा हुए अमजद ख़ान थिएटर की दुनिया से बड़े पर्दे पर आए थे. हालांकि पिता जयंत के साथ उन्होंने बतौर बाल कलाकार कुछ फ़िल्मों में काम किया था लेकिन 1973 में चेतन आनंद की ‘हिंदुस्तान की कसम’ से उनके फ़िल्मी करियर की शुरुआत हुई.</li> </ul> <ul> <li>1975 में अमजद खान को शोले में मौका मिला और गब्बर सिंह की कामयाबी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमजद खान को बिस्कुट बनाने वाली एक कंपनी ने अपने ब्रैंड एम्बैस्डर के तौर पर साइन किया. बॉलीवुड के किसी विलेन का विज्ञापनों में आने का ये शायद पहला मौका था.</li> </ul> <ul> <li>अमजद ख़ान से पहले हिंदी सिनेमा में खलनायकी की शोहरत के अभिनेता अजीत के नाम हुआ करती थी. लेकिन ‘शोले’ के बाद अमजद ख़ान ने ‘बड़े पर्दे के बुरे आदमी को एक नई पहचान’ दिया. सत्तर और अस्सी का दशक विलेन की लोकप्रियता और पब्लिक डिमांड के लिहाज से अमजद खान का दौर था.</li> </ul> <ul> <li>हीरो अमिताभ बच्चन के ‘ख़िलाफ़’ अमजद ख़ान कई कामयाब फ़िल्मों में खलनायक के तौर पर दिखे. इनमें ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘लावारिस’, ‘महान’, ‘देश प्रेमी’, ‘राम बलराम’, ‘गंगा की सौगंध’, ‘परवरिश’, ‘नसीब’, ‘मिस्टर नटरवरलाल’, ‘सुहाग’, ‘नास्तिक’, ‘सत्ते पे सत्ता’ और ‘कालिया’ जैसी फ़िल्में थीं. </li> </ul> <ul> <li>लेकिन अमजद केवल गब्बर सिंह की इमेज में क़ैद नहीं रहे. उन्होंने सत्यजीत रे की ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में अवध के नवाब वाजिद अली शाह का रोल निभाया. ये उस लाचार नवाब की कहानी थी जिसकी रियासत अवध ईस्ट इंडिया कंपनी के निशाने पर थी. इसी कड़ी में गिरीश कर्नाड की ‘उत्सव’ का नाम भी लिया जाता है.</li> </ul> <ul> <li>’उत्सव’ में अमजद ख़ान ने ‘कामसूत्र’ के लेखक ‘वात्सायन’ का रोल निभाया. ऐसा नहीं था कि अमजद ख़ान ने केवल नकारात्मक भूमिकाएं ही कीं. वे ‘याराना’ में अमिताभ के दोस्त के तौर पर दिखे तो प्रकाश मेहरा की ‘लावारिस’ में उनके पिता का किरदार निभाया. </li> </ul> <ul> <li>उन्होंने साबित किया कि पर्दे पर वे लोगों को न केवल डरा सकते हैं बल्कि हंसा भी सकते हैं. फिरोज़ ख़ान की ‘कुर्बानी’ और बासु चटर्जी की ‘चमेली की शादी’ में डराने वाले नहीं बल्कि हंसाने वाले अमजद ख़ान दिखे.</li> </ul><p>1976 में हुए सड़क हादसे ने अमजद ख़ान की ज़िंदगी बदल दी. इलाज से वे बच तो गए लेकिन दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से उनका वजन बढ़ने लगा. वे लंबे समय तक अपने मोटापे से जूझते रहे. 27 जुलाई 1992 को दिल का दौरा पड़ने से 51 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong> और </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें