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गलती से उत्तर कोरिया ने लीक की छोड़ी जाने वाली दो मिसाइलों की अहम जानकारी

सोलः अमेरिका को मिसाइल परीक्षण के जरिये धमकाने वाला उत्तर कोरिया ने गलती से छोड़ी जाने वाली दो मिसाइलों की अहम जानकारियों को लीक कर दिया है. बताया जा रहा है कि दुनिया भर के तानाशाहों में शुमार किम जोंग उन के शासन वाले उत्तर कोरिया ने गलती से अपनी दो एेसी मिसाइलकों की जानकारी […]

सोलः अमेरिका को मिसाइल परीक्षण के जरिये धमकाने वाला उत्तर कोरिया ने गलती से छोड़ी जाने वाली दो मिसाइलों की अहम जानकारियों को लीक कर दिया है. बताया जा रहा है कि दुनिया भर के तानाशाहों में शुमार किम जोंग उन के शासन वाले उत्तर कोरिया ने गलती से अपनी दो एेसी मिसाइलकों की जानकारी को सार्वजनिक कर दिया है, जिनका आने वाले दिनों में परीक्षण किया जाना है.

इसे भी पढ़ेंः किम जोंग-उन ने दी चेतावनी तो बोला अमेरिका- उत्तर कोरियाई खतरे के लिए रुस और चीन जिम्मेदार

बीबीसी हिंदी में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन एक फैक्टरी का निरीक्षण करने गये थे. इस निरीक्षण की प्रेस कवरेज के दौरान यह जानकारी कथित तौर पर सामने आ गयी. सरकारी एजेंसी केसीएनए की ओर से जारी की गयी तस्वीरों में दीवार पर लगे चार्ट में दो मिसाइलों जिनके नाम ह्वासोंग-13 और पुकगुक्सोंग-3 बताये जा रहे हैं. इन दोनों मिसाइलों की जानकारी फिलहाल सामने आ गयी है.

बीबीसी हिंदी के अनुसार, ह्वासोंग-13 एक तीन चरण और ठोस रॉकेट ईंधन वाली एक इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) है, जबकि चार्ट में पुकगुक्सोंग-3 पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली एक बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे पुकगुक्सोंग-1 और पुकगुक्सोंग-2 की लंबी दूरी का संस्करण माना जा रहा है.

यह पहली बार नहीं है जब उत्तर कोरिया ने ‘ग़लती से’ तस्वीरों की पृष्ठभूमि में जरूरी जानकारियां सार्वजनिक कर दी हैं. इस ‘गलती’ पर भी शक ज़ाहिर किया जा रहा है. कई जानकार इसे अपनी सैन्य ताकत दिखाने और अपने दुश्मनों को संदेश देने के तरीके के तौर पर भी देख रहे हैं. दक्षिण कोरिया के जूंगआंग इल्बो अखबार से बात करते हुए दक्षिण कोरिया के रक्षा और सुरक्षा फोरम के शिन जोंग-वू कहते हैं कि उत्तर कोरिया का इतिहास ही रहा है कि सरकारी मीडिया के जरिये अपने असली हथियार या उनके ग्राफिक डिजाइन दिखाने का और दुनिया के आगे शेखी बघारने का.

केसीएनए के मुताबिक, बताया जा रहा है कि किम जोंग-उन ने इस दौरे पर वैज्ञानिकों से ठोस रॉकेट ईंधन और वॉरहेड टिप मिसाइलें का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए भी कहा है. यह बात दीवार पर लगे चार्ट में सामने आयी जानकारी से मेल खाती है. इस तरह की कथित गलती से जानकारी सामने आने की घटनाएं पहले भी हो चुकी है. दो हफ्ते पहले अमरीकी द्वीप गुआम के वायुसेना अड्डे की दिशा में बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट करने की योजना बनाते हुए किम जोंग उन की तस्वीरें सामने आयी थीं. इनमें भी दीवार पर लगे चार्ट दिख रहे थे और वायुसेना के अड्डे की एक हवाई तस्वीर भी थी.

इसका यह अर्थ निकाला गया कि उत्तर कोरिया यह संदेश देना चाहता है कि वह अमरीकी द्वीप पर नजर रखे हुए है. सोल के अखबार चोसुन इल्बो ने लिखा था कि यह एक ‘परिष्कृत धोखा’ हो सकता है. अखबार का कहना था कि गुआम अड्डे की वह तस्वीर छह साल पुरानी है और ‘गूगल अर्थ’ पर सबके लिए उपलब्ध है. उत्तर कोरिया के पास सैटेलाइट तस्वीरें हासिल करने की अपनी कोई सुविधा नहीं है. मार्च 2013 में किम जोंग-उन एक तस्वीर में नोटपैड लिए हुए जनरलों के साथ दिख रहे थे. यह तस्वीर ऐसे समय पर आयी थी, जब महीने भर पहले ही उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया था और कोरियाई क्षेत्र युद्ध की कगार पर खड़ा दिख रहा था.

Prabhat Khabar Digital Desk
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