सोल : कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया को बातचीत का प्रस्ताव दिया जिसे उत्तर कोरिया ने ठुकरा दिया है. दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप ने सोमवार को यह जानकारी दी. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मनीला में एक क्षेत्रीय फोरम से इतर मुलाकात की जहां दोनों के बीच थोड़ी बहस हुई. इस घटना की जानकारी तब मिली जब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर ‘शांतिपूर्ण समाधान’ की अपील की.
राष्ट्रपति ब्लू हाउस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि मून ने ट्रंप से कहा कि 1950-1953 तक चले कोरियाई युद्ध के बाद दक्षिण ‘दूसरा युद्ध नहीं होनें दे सकता.’ योनहाप ने विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री कांग क्यूंग-वहा और उत्तर कोरिया के उनके समकक्ष री योंग-हो के बीच रात्रि भोज के दौरान संक्षिप्त मुलाकात हुई. मुलाकात के दौरान कांग ने री से अनुरोध किया कि वह विभाजित प्रायद्वीप में तनाव को कम करने के लिए सोल की सैन्य बातचीत और विभाजित परिवारों को फिर से मिलाने के लिए नये दौर की चर्चा की पेशकश को स्वीकार करें.
रिपोर्ट में एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि कांग के अनुरोध को री ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वर्तमान स्थिति में उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने के लिए दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ गंठजोड़ किया हुआ है और ऐसे में इन प्रस्तावों में संजीदगी नहीं है. दोनों कोरियाई देशों के बीच मंत्री स्तर की यह पहली बैठक थी. यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उत्तर कोरिया पर उसकी पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर लगाये गये प्रतिबंधों के एक दिन बाद हुई है. उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है.
ज्ञात हो, उत्तर कोरिया के अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के जवाब में प्योंगयांग के निर्यातों पर प्रतिबंध कड़ा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से एक अमेरिकी मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया था. उत्तर कोरिया द्वारा तीन एवं 28 जुलाई को किये गये बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण की 15 सदस्यीय संस्था ने कड़ी निंदा की है. इन मिसाइलों को प्योंगयांग ने अंतरमहाद्वीपीय रेंज की मिसाइलें बताया था. उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के जवाब में पेश अमेरिकी मसौदा प्रस्ताव में अब तक के सबसे सख्त प्रतिबंधों को शामिल किया गया है और वार्षिक राजस्व में एक अरब डॉलर की कमी लाकर उसके निर्यातों को निशाना बनाया गया है.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली ने कहा था, उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधि पर सुरक्षा परिषद ने नये स्तर पर जुर्माना बढ़ा दिया है. उत्तर कोरिया की गैरजिम्मेदार एवं लापरवाह गतिविधि शासन पर महंगी पड़ी है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा स्वीकृत नये प्रतिबंधों का समर्थन करते हुए कहा कि इसका बेहद व्यापक आर्थिक प्रभाव होगा. ट्रंप ने ट्विटर पर पोस्ट किया उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 15-0 से मतदान किया. चीन और रूस ने हमारे साथ मतदान किया. बहुत बड़ा आर्थिक प्रभाव है.