बिहार में महागठबंधन के टूटने के बाद बहुत तेज़ी से राजनीतिक परिदृश्य बिल्कुल उलट गया.
बुधवार तक विपक्ष में बैठी बीजेपी ने नीतीश कुमार का हाथ थाम लिया और नीतीश कुमार बीजेपी के समर्थन के साथ जदयू और बीजेपी विधायकों को लेकर राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.
पटना में राजभवन से बाहर आकर बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को सुबह दस बजे शपथ ग्रहण के लिए राज्यपाल ने आमंत्रित किया है.
वहीं महागठबंधन में नीतीश के साथी रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सरकार बनाने का न्योता नीतीश को देने और शपथ ग्रहण का समय सुबह दस बजे ही कर देने के विरोध में आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों ने राजभवन तक मार्च किया.
तेजस्वी बोले- तब तो मेरी मूंछ भी नहीं निकली थी
आरजेडी नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के राज्यपाल के पास संविधान बचाने का ऐतिहासिक मौका है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि पार्टी ने राज्यपाल से मिलकर नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण को लेकर समीक्षा करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि बोम्मई केस में आए आदेश के मुताबिक सबसे बड़े राजनीतिक दल को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए बुलाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आखिर किस मुंह से बीजेपी के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. वे 28 साल के एक लड़के से डर गए हैं. उनमें हिम्मत है तो फिर से चुनाव का सामना करेंगे.
तेजस्वी यादव ने भाकपा माले, निर्दलीय, कांग्रेस और धर्मनिर्पेक्षता को मानने वाले जदयू के विधायकों के समर्थन का दावा किया.
राष्ट्रीय जनता दल के पास बिहार में 80 विधायक हैं.
उन्होंने नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़ने और बीजेपी के साथ जाने के लिए बहाना ढूंढ रहे थे.
तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव के परिवार के खिलाफ़ बेनामी संपत्ति को लेकर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कसा तब से बिहार में महागठबंधन में खलबली मची थी.
तेजस्वी यादव ने कहा कि उन पर एक साज़िश के तहत आरोप लगाए गए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को धोखा दिया है.
आरजेडी नेता ने कहा कि बिहार की जनता नेता ने बीजेपी के खिलाफ़ जनादेश दिया था लेकिन नीतीश कुमार बिहार के साथ नाइंसाफ़ी करने वालों के साथ गले मिल रहे हैं.
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