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लगेगा दूल्हों का मेला, बिना दहेज के तय होंगे विवाह

रिंकू झा कल्पना करें कि एक लाइन से दूल्हे खड़े हैं और दुल्हन उनमें से अपना पति चुन कर उसके गले में वरमाला डालती है. पौराणिक कथाअों में ऐसे स्वयंवर के बारे में अापने पढ़ा और सुना है, लेकिन अब यह दोबारा शुरू होगा. जी हां, स्वयंवर जैसी इस परंपरा को बिहार के मिथिलांचल में […]

रिंकू झा

कल्पना करें कि एक लाइन से दूल्हे खड़े हैं और दुल्हन उनमें से अपना पति चुन कर उसके गले में वरमाला डालती है. पौराणिक कथाअों में ऐसे स्वयंवर के बारे में अापने पढ़ा और सुना है, लेकिन अब यह दोबारा शुरू होगा. जी हां, स्वयंवर जैसी इस परंपरा को बिहार के मिथिलांचल में लोग सौराठ सभा के नाम से जानते हैं. यह सालों पहले बंद हो गयी थी, लेकिन अब इसे दोबारा शुरू करने की कवायद चल रही है. इसकी वजह है दहेज प्रथा. दहेज की परिपाटी पर रोक लगाने के लिए यह पहल हो रही है. इससे काफी हद तक शादी विवाह तय करना भी आसान हो जायेगा.

मधुबनी जिला में स्थित इस परंपरागत स्थल को पूरे बिहार और देश-विदेश से जोड़ने के लिए सौराठ सभा नाम से एक वेबसाइट भी बनायी जा रही है, ताकि इस स्थल के बारे में पूरी जानकारी लोग यहां से प्राप्त कर सकें.

स्क्रीन पर दिखेगी दूल्हे की पूरी जानकारी : अभी तक मैट्रिमोनियल साइट्स पर ही वर और वधू की जानकारी मिल पाती थी, लेकिन अब आयोजन स्थल में ही दूल्हे की पूरी जानकारी मिलेगी. सभा में मौजूद स्क्रीन पर वर के फोटो के साथ उसके परिवार और उसकी योग्यता की जानकारी दी जायेगी. वधू पक्ष के लोग हर वर की जानकारी एक ही जगह ले पायेंगे. वर को अगर वे पसंद करते हैं, तो उससे सीधे बात कर सकते हैं. दोनों पक्षों के बीच में फिर कोई तीसरा पक्ष नहीं होगा.

दहेज नहीं लेने वाले लोग ही होंगे शामिल : सौराठ सभा में शामिल होने के लिए जो भी वर पक्ष आयेगा, उन्हें तभी शामिल किया जायेगा जब वे दहेज के बगैर विवाह करने के इच्छुक होंगे. इसके लिए तमाम वर पक्ष वालों से लिखित आवेदन भी भरवाया जायेगा. दहेज प्रथा को समाप्त करने के मकसद से सौराठ सभा को दोबारा शुरू करने की कवायद की जा रही है.

चट मंगनी और पट ब्याह होगा

भले अभी शादी पक्की करने में लंबा समय लग जाता है, लेकिन सौराठ सभा में एक ही जगह पर सारी चीजें होने से वर और वधू पक्ष के समय की काफी बचत होगी. चट मंगनी आैर पट ब्याह के सिस्टम के अनुसार विवाह होगा. सभा में कन्या पक्ष के लोग आयेंगे. वर को पसंद करेंगे. परिवार के बीच बातचीत होगी. एक-दूसरे को पसंद करेंगे. इसके बाद विवाह तय हो जायेगा. विवाह तय होने के साथ ही चार से पांच घंटे में विवाह की तैयारी हो जायेगी और रात में विवाह संपन्न हो जायेगा. खर्च भी कम और बिना अधिक ताम-झाम के यहां विवाह होगा.

25 से 9 जुलाई तक लगेगा सौराठ दूल्हा मेला : हर साल सौराठ, मधुबनी में दूल्हा का मेला लगाया जाता है. इसके लिए मुहूर्त निकाला जाता है. मुहूर्त साैराठ सभा के पंजीकार (आधुनिक मैरेज रजिस्ट्रार) निकालते हैं. इस बार 25 जून से नौ जुलाई तक यह मुहूर्त निकाला गया है. इस दौरान तमाम वर पक्ष के लोग शामिल होंगे. वहीं कन्या पक्ष के लोग आकर अपनी कन्या के लिए वर का चुनाव कर सकेंगे. सुविधा के अभाव में लोग सौराठ सभा में नहीं आना चाहते हैं, इसलिए इस बार मिथिला लोक फाउंडेशन की ओर से लोगों को जोड़ने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

सरकारी मदद, तो दहेज प्रथा पर लगेगी रोक

सौराठ सभा दुबारा शुरू करने से दहेज प्रभा पर रोक लगेगी. इस संबंध में मिथिला लोक फाउंडेशन के अध्यक्ष बीरबल झा ने बताया कि सौराठ सभा मिथिलांचल का परंपरागत मैरेज ब्यूरो हुआ करता था, लेकिन आज के समय मेें यह विलुप्त होता जा रहा है. लोग इससे दूर हो चुके हैं, लेकिन इसे हम दोबारा शुरू कर रहे हैं. इसको लेकर बिहार सरकार को हमने पत्र लिखा है. अगर सौराठ सभा के पास एक कम्युनिटी हॉल बनाया जाये और इस कम्युनिटी हॉल में ही विवाह तय करने का काम हो तो लोग यहां दोबारा आने लगेंंगे. हॉल के अलावा सामूहिक विवाह भी यहां शुरू किया जायेगा. हॉल के आसपास विवाह संंबंधित चीजों के लिए एक बाजार होना चाहिए. इस तरह की सुविधा होने से इस जगह की परंपरा को लौटाया जा सकता है.

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