कोइलवर का पुराने पुल का निर्माण अंग्रेजों ने पटना और भोजपुर को जोड़ने के लिए किया था. यह रेल-सह-सड़क पुल है. पुल के ऊपर रेलगाड़ियाँ और नीचे बस और कार चलती हैं. सोन नदी पर अवस्थित कोईलवर पुल विकास की जीवन रेखा का एक मुख्य बिन्दु है. लोहे के गाटर से बने इस दोहरे एवं दो मंजिला पुल की निर्माण तकनीक व सुन्दरता के कारण लोगों को आज भी अपनी ओर आकर्षित करता है. 1862 ई. में यह पुल तैयार हो गया था. इस पुल का नाम बिहार के जाने माने स्वतंत्रता सेनानी प्रोफेसर अब्दुल बारी के नाम पर अब्दुलबारी पुल रखा गया है. एक ओर जहाँ यह पुल दानापुर-मुग़लसराय रेल खंड को जोड़ता है तो दूसरी ओर पटना-भोजपुर सड़क यातायात को जोड़ता है. देखिए वीडियो….
Koilwar Pul बिहार का सबसे पुराना ब्रिज, किसने बनवाया, देखें पुल के इतिहास से जुड़ा वीडियो
Koilwar Pul 1862 ई. में बनकर तैयार हो गया था. इस पुल का नाम बिहार के जाने माने स्वतंत्रता सेनानी प्रोफेसर अब्दुल बारी के नाम पर अब्दुलबारी पुल रखा गया है.
You May Like