बंगाल चुनाव की घोषणा से पहले ही शुभेंदु के गढ़ नंदीग्राम में ममता बनर्जी के समर्थन में दीवार लेखन शुरू

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की घोषणा से पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. ममता बनर्जी के समर्थन में पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में तो दीवार लेखन भी शुरू हो गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2021 2:08 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की घोषणा से पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. ममता बनर्जी के समर्थन में पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में तो दीवार लेखन भी शुरू हो गया है.

मंत्री श्यामल सांतरा ने खुद बांकुड़ा में दीवार लेखन किया. पिछले दिनों शुभेंदु अधिकारी के गढ़ में ममता बनर्जी ने अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए कहा था कि वह खुद नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. यहां अधिकारी परिवार को मुख्यमंत्री खुद चुनौती देंगी.

ममता बनर्जी ने कहा था कि वह नंदीग्राम को कभी नहीं भूल सकतीं. दरअसल, शुभेंदु अधिकारी के तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद से टीएमसी और अधिकारी परिवार के बीच ठन गयी है. शुभेंदु के भाई और पिता को पार्टी ने अहम पद से हटा दिया है.

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शुभेंदु के भाई दिव्येंदु अधिकारी कांथी पौरसभा के प्रशासक थे, जबकि उनके पिता शिशिर अधिकारी पार्टी के जिलाध्यक्ष थे. दोनों को उनके पदों से हटा दिया गया. शिशिर अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य और पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शामिल थे.

तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि नंदीग्राम से ममता बनर्जी कम से कम 2 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीतेंगी. वहीं, शुभेंदु अधिकारी ने शपथ ली है कि वह ममता बनर्जी को आधा लाख (50 हजार) वोटों के अंतर से हरवायेंगे.

शुभेंदु ने यहां तक कह दिया है कि यदि वह ऐसा नहीं कर पाये, तो वह राजनीति करना छोड़ देंगे. श्री अधिकारी ने कहा कि नंदीग्राम से जो भी भाजपा का उम्मीदवार बनेगा, वह बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को 50 हजार वोटों से हरायेगा.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि नंदीग्राम आंदोलन के शिल्पी कहे जाने वाले शुभेंदु अधिकारी की तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद नंबर दो की हैसियत हुआ करती थी. पिछले कुछ दिनों से उन्हें पार्टी ने दरकिनार करना शुरू कर दिया था.

शुभेंदु अधिकारी को पार्टी के कार्यक्रमों से भी दूर रखा जा रहा था. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराजगी के बाद आखिरकार शुभेंदु अधिकारी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. इसके बाद शुभेंदु और ममता बनर्जी के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है.

Posted By : Mithilesh Jha

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