Bareilly: पीएम नरेंद्र मोदी और अखिलेश यादव के बीच जिस बब्बर शेर मनन को लेकर हुई थी तकरार, उसकी हुई मौत

Bareilly News : लोकसभा चुनाव 2014 में उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के तत्कालिक सीएम अखिलेश यादव के बीच गुजरात के बब्बर शेर (मनन) को लेकर काफी तकरार हुई थी.

By Prabhat Khabar | June 14, 2022 11:39 AM

Bareilly News : लोकसभा चुनाव 2014 में उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के तत्कालिक सीएम अखिलेश यादव के बीच गुजरात के बब्बर शेर (मनन) को लेकर काफी तकरार हुई थी. दोनों के बीच मंचों से जमकर बयानबाजी की गई, लेकिन उस मनन की इटावा लायन सफारी में कैंसर से मौत हो गई है. मनन की मौत पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव काफी खफा हैं. उन्होंने यूपी की भाजपा सरकार के साथ ही इटावा लायन सफारी के अफसरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.


पीएम मोदी और अखिलेश यादव के बीच हुई थी तकरार

यूपी में 2012 में सपा सरकार बनने के बाद सीएम अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव का सपना पूरा करने को इटावा के बीहड़ में लायन सफारी स्थापित कराया था. इस लायन सफारी के लिए गुजरात के जूनागढ़ से दो बब्बर शेर लाएं गए थे. उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे. कुछ महीनों बाद ही लोकसभा चुनाव 2014 का आगाज हुआ, तो अखिलेश यादव ने यूपी की एक चुनावी रैली में कहा था कि हमने गुजरात के शेरों को पिंजरे में बंद किया है और यूपी में बीजेपी को भी पिंजरे में बंद कर देंगे.

अखिलेश यादव के बयान का जवाब पीएम नरेंद्र मोदी ने बरेली में आयोजित रैली में दिया था. उन्होंने कहा कि हमसे गिर के शेर मांगे थे. हमने सोचा कि उन्हें संभालने का साहस होगा, लेकिन वह शेरों को नहीं संभाल पा रहे हैं. इस दौरान एक बब्बर शेर समेत गुजरात से लाए गए अन्य 9 शेर की मौत हो गई थी. अखिलेश यादव ने चुनावी रैलियों से लेकर सोशल मीडिया पर भी पीएम मोदी की बात का जवाब दिया था.

पीएम नरेंद्र मोदी ने गधे पर भी घेरा उस वक्त चुनावी रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने अखिलेश यादव पर गधे को लेकर भी हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि जाति और ऊंच-नीच की राजनीति में फंसे अखिलेश यादव गधे पर भी हमला करते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि अखिलेश मुझ पर और बीजेपी पर हमला करते तो कोई बात नहीं. मगर,वह बेचारे गधे पर भी हमला करने लगे. उन्होंने गधे को लेने से नकार दिया था. मगर, शेर की मांग की थी.

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कैंसर से जंग हार गया मनन

2014 में मनन को गुजरात से इटावा लाया गया था.14 वर्ष के मनन की काफी दिनों से तबियत बिगड़ गई थी.07 जून को बब्बर शेर मनन का सैंपल जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईबीआरआई) बरेली भेजा गया था.आईवीआरआई रिपोर्ट में बब्बर शेर मनन को स्किन कैंसर की पुष्टि की गई थी.इसमें ठीक होने की संभावनाए न के बराबर जताई गई थी.

4 वर्ष में गांठ का नहीं हुआ इलाज

वर्ष 2018 में मनन के शरीर पर एक गांठ देखी गई थी. इसे लेकर उसकी गांठ की जांच जनवरी 2018 में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली में कराई गई थी. इसकी रिपोर्ट भी आ गई थी. इसमें बीमारी बताते हुए आपरेशन के लिए सक्षम स्तर से निर्णय लिए जाने की बात कही गई थी. उसके बाद से कोविड का प्रकोप हो जाने के कारण आपरेशन नहीं हो सका. अब इस गांठ वाले भाग में कुछ बढ़ोतरी हो गई. इसके साथ ही मनन को स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी होने लगी हैं.

जूनागढ़ में हुआ था मनन का जन्म

पिता वीर और मां मयूरी के सन्तान मनन का जन्म 18 फरवरी, 2008 को सक्करबाग प्राणि उद्यान, जूनागढ़ (गुजरात) में हुआ था. इटावा में एशियाई बब्बर शेर प्रजनन केंद्र की स्थापना के निर्णय के बाद मनन को जूनागढ़ से 11 अप्रैल, 2014 को इटावा लाया गया था. यहा लाये जाने के बाद जैसिका नामक शेरनी से इसका मिलन 21 जून 2016 से 23 जून 2016 तक हुआ. जैसिका ने गर्भधारण कर 5 अक्टूबर 2016 को दो नर शावको को जन्म दिया, जो बाद में चलकर सिम्बा-सुल्तान के नाम से जाने गये. मनन ने जेसिका के माध्यम से 15 जनवरी, 2018 को बाहुबली, 26 जून 2019 को भरत, रूपा एवं सोना, 15 अप्रैल 2020 को जेनिफर के माध्यम से केसरी व 12 दिसम्बर 2020 को जेसिका के माध्यम से नीरजा एवं गार्गी नामक शावकों के प्रजनन में अपना अपूर्व योगदान दिया.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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