नेपाल के जंगल से आए हाथियों का किशनगंज में कहर, भय से ग्रामीणों की नींद गायब, मक्के की खेती पर भी ग्रहण

नेपाल के जंगल से भटककर आए हाथियों का उत्पात किशनगंज में जारी है. दिघलबैंक प्रखंड के धनतोला पंचायत में हाथियों ने जहां कई घरों में तोड़-फोड़ मचाया वहीं मक्के की खेती पर भी ग्रहण लगाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2022 3:57 PM

किशनगंज में हाथियों के झुंड ने ग्रामीणों में हड़कंप मचाया है. सोमवार को दिघलबैंक प्रखंड के धनतोला पंचायत के पीपल,मुल्लाबाड़ी, ठुगनाबस्ती गांवों के खेतों में दिन भर जंगली हाथियों के झुंड का तांडव जारी रहा. रविवार की रात में ही इस क्षेत्र में करीब 9 की संख्या में हाथियों का झुंड प्रवेश किया, जो सुबह मकई खेत में घूमते नजर आए. हाथियों के आने की सूचना मिलते ही उसे देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ने लगी.

मक्के की खेती पर गजराज का ग्रहण

बता दें की क्षेत्र में मक्के की खेती शुरू होते ही नेपाल के जंगलों से जंगली हाथियों का आवागमन लगातार जारी है.ऐसे में खेतों में लगे फसल को हाथी अपने पैरों से रौंदते ही हैं. साथ ही साथ कच्चे मकान वह अनाज को भी नुकसान पहुंचाते है. विगत पिछले पांच वर्षों से हाथियों का झुंड इस क्षेत्र में आकर ग्रामीणों की परेशानी को बढ़ाता रहा है. मगर फिर भी वन विभाग इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.

वन विभाग की लापरवाही से लोगों में नाराजगी

हाथियों के आतंक के बाद वन विभाग की लापरवाही से लोगों में नाराजगी है. वहीं धनतोला गांव निवासी लोगों की बात माने तो अभी जो हाथी नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र होते हुये इन खेतों में पहुचे है वह रात्रि में अगल-बगल के गावों में प्रवेश कर सकते हैं. इस बात को लेकर लोगों में काफी खौफ है. वही लोग रतजगा कर अपने आप को सुरक्षित करने की कोशिश करते हैं.

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एक वृद्धा की हो चुकी है मौत

बता दें कि हाथियों का झुंड नेपाल की जंगल से भटककर आए हुए बताए जाते हैं. पिछले दिनों हाथियों ने धनतोला पंचायत के खोशोबस्ती में जमकर उत्पात मचाया था और कई घरों में तोड़-फोड़ मचाया था. इस दौरान एक वृद्धा की मौत भी हो गयी थी. गांव का आलम कुछ ऐसा है कि लोग भय के साये में जीते हैं. हाथी कब किसके घरों की तरफ कूच कर जाएगा ये भय उन्हें चैन से सोने तक नहीं दे रहा.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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