झारखंड बजट : उद्योग के बजट में हुई 132 करोड़ की कटौती

सरकार ने जहां कल्याण एवं समाज कल्याण पर फोकस किया है. हालांकि उद्योग के क्षेत्र में बहुत ज्यादा कुछ करने से सरकार बची है. सरकार उद्योग विभाग में न तो कोई नयी योजना लेकर आयी है और न ही किसी पुरानी योजना को बंद किया है.

By Pritish Sahay | March 4, 2020 7:02 AM

सरकार ने जहां कल्याण एवं समाज कल्याण पर फोकस किया है. हालांकि उद्योग के क्षेत्र में बहुत ज्यादा कुछ करने से सरकार बची है. सरकार उद्योग विभाग में न तो कोई नयी योजना लेकर आयी है और न ही किसी पुरानी योजना को बंद किया है.

सरकार ने जहां कल्याण एवं समाज कल्याण पर फोकस किया है. हालांकि उद्योग के क्षेत्र में बहुत ज्यादा कुछ करने से सरकार बची है. सरकार उद्योग विभाग में न तो कोई नयी योजना लेकर आयी है और न ही किसी पुरानी योजना को बंद किया है. हालांकि, बजट में 132.33 करोड़ रुपये की कटौती की गयी है. सरकार ने बुनकर सहयोग समतियों, हस्तकरघा कलस्टर एवं हस्तकरघा ग्रुप को सुदृढ़ करने की बात कही है. उत्पादन बढ़ाने के लिए इस बार तीन हजार मीट्रिक टन तसर रेशम के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है.

उद्योग विभाग के तहत संचालित मिनी टूल रांची, दुमका में स्थानीय एवं ग्रामीण उद्योगों के लिए उन्नत तकनीक एवं उपकरण उपब्ध कराये जायेंगे. नये उद्योग स्थापित करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के निर्माण पर जोर दिया गया है. यानी जियाडा के अधीन जितने भी औद्योगिक क्षेत्र हैं वहां सड़क, ड्रेनेज, बिजली जैसी आधारभूत संरचना का निर्माण होगा. पूंजी निवेश के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और दुरुस्त करने की बात कही गयी है.

सरकार ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए बजट में कई प्रावधान किये हैं. जिसमें 13 नये एकलव्य विद्यालय भी खोले जायेंगे. जनजातीय समुदाय के वीर शहीदों के गांव के सर्वांगीण विकास की बात कही गयी है. इस बार हार्डकोर पुअर के तहत संथाल-परगना के पांच हजार आदिम जनजाति परिवारों को गरीबी की जटिलता से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा गया है.

वहीं, 1790 आदिवासी बाहुल्य गांवों में रह रहे 2.18 लाख परिवारों के सशक्तीकरण का लक्ष्य भी रखा गया है. वनाधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक पट्टा निर्गत किया जायेगा. महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा के तहत सरकार ने राष्ट्रीय एवं राज्य विधवा पेंशन योजना, आदिम जनजातियों की पेंशन योजना, निशक्ततता पेंशन योजना आदि के तहत 2599 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजने की बात कही है. 1.40 लाख लाभुकों को प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना का लाभ देने पर जोर दिया गया है.

10 लाख किशोरियों को विकास यात्रा में शामिल करने पर जोर दिया गया है. 50 हजार किशोरियों को अनौपचारिक शिक्षा एवं दो लाख किशोरियों को कौशल विकास से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार ने इस बार के बजट में उनलोगों तक पहुुंचने की कोशिश की है, जो अबतक विकास से अछूते रहे गये थे.

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