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ISRO की ऊंची उड़ान- मानवयुक्त मिशन से पहले महिला रोबोट ”व्योममित्र” को कराएगा अंतरिक्ष की सैर

बेंगलुरु : भारत दिसंबर 2021 में अंतरिक्ष में अपने पहले मानव मिशन की योजना पर काम कर रहा है. इससे पहले भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रायोगिक रूप से भेजे जाने वाले मानवरहित ‘गगनयान’ में महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ को भेजेगा. यहां बुधवार को ‘मानव अतंरिक्ष यात्रा एवं खोज : वर्तमान चुनौतियां और भविष्य घटनाक्रम’ के […]

बेंगलुरु : भारत दिसंबर 2021 में अंतरिक्ष में अपने पहले मानव मिशन की योजना पर काम कर रहा है. इससे पहले भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रायोगिक रूप से भेजे जाने वाले मानवरहित ‘गगनयान’ में महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ को भेजेगा.

यहां बुधवार को ‘मानव अतंरिक्ष यात्रा एवं खोज : वर्तमान चुनौतियां और भविष्य घटनाक्रम’ के उद्घाटन सत्र में यह रोबोट आकर्षण का केंद्र रहा. इस रोबोट का नाम संस्कृत के दो शब्दों ‘व्योम’ (अंतरिक्ष) और ‘मित्र’ (दोस्त) को मिलाकर ‘व्योममित्र’ दिया गया है.

कार्यक्रम में उपस्थित लोग उस समय आश्चर्यचकित रह गए जब ‘व्योममित्र’ ने अपना परिचय दिया. रोबोट ने कहा, सभी को नमस्कार. मैं व्योममित्र हूं और मुझे अर्ध मानव रोबोट के नमूने के रूप में पहले मानवरहित ‘गगनयान’ मिशन के लिए बनाया गया है.

मिशन में अपनी भूमिका के बारे में ‘व्योममित्र’ ने कहा, मैं पूरे यान के मापदंडों पर निगरानी रखूंगी, आपको सचेत करूंगी और जीवनरक्षक प्रणाली का काम देखूंगी. मैं स्विच पैनल के संचालन सहित विभिन्न काम कर सकती हूं.

रोबोट ने बताया कि वह अंतरिक्ष यात्रियों की अंतरिक्ष में साथी होगी और उनसे बात करेगी. ‘व्योममित्र’ ने बताया कि वह अंतरिक्ष यात्रियों की पहचान करने सहित उनके सवालों का जवाब देगी. इसरो प्रमुख के सिवन ने पत्रकारों को बताया कि ह्यूमनॉयड (मानव शक्ल वाली रोबोट) अंतरिक्ष में इंसानों की तरह काम करेगी और जीवन प्रणाली के संचालन पर नजर रखेगी.

सिवन ने कहा, यह अंतरिक्ष में इंसानों की तरह काम करेगी. यह जांच करेगी कि सभी प्रणालियां ठीक ढंग से काम कर रही हैं या नहीं. यह बहुत लाभदायक होगा. इससे ऐसा लगेगा कि जैसे कोई इंसान उड़ रहा है.

इससे पहले उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सिवन ने कहा कि दिसंबर 2021 में भारत के मानव मिशन को अंतरिक्ष में भेजने से पहले इसरो दो मानवरहित मिशन क्रमश: दिसंबर 2020 और जून 2021 में भेजेगा और ‘व्योममित्र’ उनके साथ उड़ेगी. इस प्रयोग से इसरो यह देखेगा कि पर्यावरण नियंत्रण जीवनरक्षक प्रणाली में मानव प्रणाली किस तरह काम करेगी.

सिवन ने कहा, ह्यूमनॉयड परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है. केंद्रीय अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा विभाग राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी बुधवार को टि्वटर पर ‘ह्यूमनॉयड’ का वीडियो साझा किया और लिखा, इसरो में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के क्रम में ‘व्योममित्र’ ह्यूमनोइड का ‘गगनयान’ के लिए अनावरण. अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर ‘गगनयान’ के जाने से पहले यह प्रोटोटाइप ह्यूमनोइड जाएगा.

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