मिशन गगनयान: मानव रोबोट को अंतरिक्ष में भेजेगा भारत, इसरो कर रहा है 10 तरह के टेस्ट

नेशनल कंटेंट सेल-ह्यूमोनॉयड बनकर तैयार, शोध संस्थानों से 40 प्रस्ताव मिलेगगनयान परियोजना के लिए इसरो टेस्ट के लिए किसी जानवर को नहीं, बल्कि ह्यूमोनॉयड यानी मानव रोबोट को अंतरिक्ष में भेजेगी. इसरो मानव को भेजने से पहले दो बार इस तरह के प्रयोग करेगी. इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि ह्यूमोनॉयड लगभग पूरा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2019 9:20 AM

नेशनल कंटेंट सेल
-ह्यूमोनॉयड बनकर तैयार, शोध संस्थानों से 40 प्रस्ताव मिले
गगनयान परियोजना के लिए इसरो टेस्ट के लिए किसी जानवर को नहीं, बल्कि ह्यूमोनॉयड यानी मानव रोबोट को अंतरिक्ष में भेजेगी. इसरो मानव को भेजने से पहले दो बार इस तरह के प्रयोग करेगी. इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि ह्यूमोनॉयड लगभग पूरा हो चुका है. यह मिशन मानव को भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की हमारी क्षमता से परे उद्देश्य की पूर्ति करेगा. उन्होंने कहा कि हमारा रोबोट वह सब करने में सक्षम होगा जो एक मानव कर सकता है.

हालांकि, उनकी तरह बड़े पैमाने पर नहीं. मिशन में ह्यूमोनॉयड मॉडल का उपयोग किया जायेगा. इसके लिए इसरो को विभिन्न शोध संस्थानों से 40 प्रस्ताव मिले हैं. सिवन ने बताया कि गगनयान का डिजायन अगले हफ्ते तक बनकर तैयार हो जायेगा. केंद्र ने इस परियोजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं.

इसरो प्रमुख सिवन ने कहा कि दो मानवरहित स्पेस मिशन का लक्ष्य दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 रखा गया है. इसके अलावा अंतरिक्ष के मानव मिशन के लिए दिसंबर 2021 का समय निर्धारित किया गया है. सिवन ने कहा कि हमने एक या उससे ज्यादा सब-सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 11 संकल्पना समीक्षा समितियां बनायी हैं. सभी ने अपना रिव्यू पूरा कर लिया है और हम पहले ही एक एकीकृत समिति की बैठक कर चुके हैं.

अंतरिक्ष यान की खामी का लगायेगा पता

रोबोट गगनयान मिशन की बारीकियों को जांचने और परखने के लिए भेजा जायेगा. यह रोबोट अंतरिक्ष यान में खामी का पता लगायेगा. इतना ही नहीं, यह जब मानव युक्त अंतरिक्ष यान स्पेस में भेजे जायेंगे तो उसमें किसी तरह कि दिक्कत न होने की जानकारी देगा.

मार्च के आखिरी हफ्ते तक चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होगी. इस साल कुल 32 लॉन्चिंग के कार्यक्रम हैं. इसमें 14 लॉन्च व्हीकल और 18 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा जायेगा. चंद्रयान-2 को इस साल जनवरी के महीने में लॉन्च किया जाना था लेकिन डिजाइन में कुछ बदलाव किये जाने से इसमें देरी लग रही है.

मिशन के लिए इसरो कर रहा है 10 तरह के टेस्ट
गगनयान की तैयारी में इसरो 10 अलग-अलग तरह के टेस्ट कर रहा है. इनमें मेडिकल उपकरणों के साथ माइक्रोबायॉलजी से संबंधि टेस्ट, एयर फिल्टर जैसे महत्वपूर्ण टेस्ट शामिल है.

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