कहीं आप भी ट्विटर पर फेक न्यूज के शिकार तो नहीं बन रहे…?

अगर आप भी ट्विटर से खबर पढ़ते हैं, तोजरा सावधान हो जाने की जरूरत है. एक रिसर्च के मुताबिक, ट्विटर पर फेक न्यूज तेजी से फैलता है, वहीं सच्ची घटनाओं पर आधारित खबरें धीमीरफ्तार में आप तक पहुंचती हैं. यह रिसर्च मेसाच्यूएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मीडिया लैब ने 1 लाख 26 हजार खबरों पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 10, 2018 4:17 PM

अगर आप भी ट्विटर से खबर पढ़ते हैं, तोजरा सावधान हो जाने की जरूरत है. एक रिसर्च के मुताबिक, ट्विटर पर फेक न्यूज तेजी से फैलता है, वहीं सच्ची घटनाओं पर आधारित खबरें धीमीरफ्तार में आप तक पहुंचती हैं.

यह रिसर्च मेसाच्यूएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मीडिया लैब ने 1 लाख 26 हजार खबरों पर किया और इस नतीजे पर पहुंचे.

रिसर्च के मुताबिक, लगभग 30 लाख लोगों ने 2006 से 2017 के बीच ट्विटर पर 1,26,000 खबरें शेयर की. इनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा फेक न्यूज को रिट्वीट किये गये, जो सच्ची घटनाओं पर आधारित संख्या से काफी कम है.

रिसर्च के अनुसार, आतंकवाद, आपदा, विज्ञान और आर्थिक मुद्दों से जुड़ी खबरों के मुकाबले राजनीति की फर्जी खबरें तेजी से और बड़े स्तर पर फैली. जिन खबरों पर रिसर्च किया गया, उसकी भी छह अलग-अलग स्वतंत्र फैक्ट चेकिंग संस्था से जांच करायी गयी.

यहां जानना गौरतलब है किट्विटर के अलावा फेसबुक पर भी फेक न्यूज जम कर साझा किया जाता है. फेसबुक ने इसके लिए कई कदम उठाये हैं.

बताते चलें कि पिछले दिनों अमेरिकी अधिकारियों ने रूस पर आरोप लगाया था कि उसने 2016 राष्ट्रपति चुनाव के दौरान फेसबुक के जरिये फेक न्यूज फैलायी. इससे चुनाव में मतदाताओं पर बड़ा असर पड़ा.

Next Article

Exit mobile version