10 में से 8 भारतीय ऑनलाइन हैरेसमेंट के शिकार

साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशंस फर्म नॉर्टन ने हाल ही में एक रिसर्च रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया कि भारत में 10 में से 8 लोग किसी न किसी रूप में ऑनलाइन हैरेसमेंट का शिकार हुए हैं. 41 परसेंट महिलाएं ऑनलाइन सेक्सुअल हैरेसमेंट से गुजर चुकी हैं. वहीं 50 परसेंट लोगों को ट्रोल का शिकार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 15, 2017 2:19 PM
साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशंस फर्म नॉर्टन ने हाल ही में एक रिसर्च रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया कि भारत में 10 में से 8 लोग किसी न किसी रूप में ऑनलाइन हैरेसमेंट का शिकार हुए हैं. 41 परसेंट महिलाएं ऑनलाइन सेक्सुअल हैरेसमेंट से गुजर चुकी हैं. वहीं 50 परसेंट लोगों को ट्रोल का शिकार होना पड़ा है.
ये ऑनलाइन सर्वे मिड 2017 में किया गया था, जिसमें 1,035 प्रतिभागियों का सैंपल लिया गया. अगर आप भी किसी न किसी रूप में सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं, तो आपके लिए ऑनलाइन रहते हुए अपनी सुरक्षा सबसे जरूरी है. ऑनलाइन हैरेसमेंट से बचने के लिए ये टिप्स ट्राइ करें.
निजी जानकारी
सबसे पहले तो ये ध्यान रखें कि भले ही आप किसी भी सोशल साइट पर कितना भी समय बिताते हों, वहां अपनी बेहद निजी जानकारी जैसे पर्सनल कॉन्टैक्ट नंबर या फिर घर का पता या कोई दूसरी निजी जानकारी शेयर न करें. इनके जरिये बुरे तत्व आपको परेशान और ब्लैकमेल कर सकते हैं.
ऑनलाइन ऑपरेटर्स से संपर्क
कई यूजर्स द्वेषपूर्ण कमेंट्स और धमकियां भेजने लगते हैं. सोशल मीडिया साइट्स पर इनसे बचने के लिए इन्हें ब्लॉक करें और संबंधित प्लेटफॉर्म पर मेल, कॉल या अन्य संभव माध्यम से इनकी शिकायत करें.
कॉपी स्टोर करें
धमकी या अश्लील मैसेज, फोटो या वीडियो आने पर सबसे पहले इन्हें सबूत के तौर पर स्टोर करना जरूरी है. ऐसे में फोटो या स्क्रीन शॉट के जरिये इन्हें स्टोर कर लें.
ऑनलाइन सेक्सुअल हैरेसमेंट
इस सर्वे में कहा गया कि ऑनलाइन सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामले सबसे ज्यादा मैट्रो सिटी जैसे दिल्ली-मुंबई में देखे गए हैं. बेहतर होगा कि आप अपने ऑफिस का पता या घर का पता अपने अकाउंट के साथ शेयर न करें. साइबर स्टॉकिंग के केस में आप साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत कर सकते हैं और इसके अलावा नजदीकी पुलिस स्टेशन में भी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं.

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