अपने कंप्यूटर को ऐसे बचाएं फिरौती मांगने वाले वायरस से

कंप्यूटर में वायरस आ जाना तो आपने सुना ही होगा, वायरस कंप्यूटर में ऐसे अवांछित परिवर्तन कर देता है, जिससे कंप्यूटर सिस्टम में कई समस्याएं आ जाती है . लोग अपने कंप्यूटर को वायरस से बचाने के लिए अलग अलग एंटीवायरस का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आपने ऐसे वायरस का नाम सुना है जो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 13, 2017 11:20 AM
कंप्यूटर में वायरस आ जाना तो आपने सुना ही होगा, वायरस कंप्यूटर में ऐसे अवांछित परिवर्तन कर देता है, जिससे कंप्यूटर सिस्टम में कई समस्याएं आ जाती है . लोग अपने कंप्यूटर को वायरस से बचाने के लिए अलग अलग एंटीवायरस का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आपने ऐसे वायरस का नाम सुना है जो फिरौती की मांग करता है. आइए जानते हैं कि रैनसमवेयर क्या है? आजकल एक अलग तरह के वायरस का कंप्यूटर में हमला हो रहा है, जिसे रैनसमवेयर कहा जाता है.
ये ऐसा वायरस है जो अपने कंप्यूटर में सभी फ़ाइल को एन्क्रिप्ट कर लॉक कर देता है और वापस अनलॉक करने के लिए कंप्यूटर डिस्प्ले पर फिरौती की मांग वाला सन्देश देता है, लेकिन फिरौती देने के बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि फाइल्स वापस अनलॉक हो जायेगी. हमलावर इससे दुनिया पर साइबर अटैक कर पैसे कमाना चाहते हैं.
कंप्यूटर में कैसे आता है रैनसमवेयर?
रैनसमवेयर का खतरा पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे कंप्यूटर में ज्यादा है, जो समय के साथ अपडेट नहीं हुए. विंडोज एक्सपी में चलने वाले कंप्यूटर आसानी से इससे प्रभावित हो चुके हैं. ज्यादातर हमले स्पैम मेल द्वारा हुए जिसमे ‘प्लीज रीड मी ‘लिखा था और इस अटैचमेंट पर क्लिक करने के बाद कंप्यूटर लॉक हो गया था. मई 2017 में भारत सहित 100 देशों में वानाक्राई रैनसमवेयर ने दूरसंचार कम्पनियों, सरकारी एजेंसियो, अस्पतालों और आम लोगो के 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित कर दिया था.
इस रैनसमवेयर ने कंप्यूटर की फाइल्स को लॉक कर वापस अनलॉक करने के लिए बिटकॉइन में 300 से 600 डॉलर फिरौती की मांग की थी. इसे सबसे बड़ा साइबर हमला माना जाता है. अब सितम्बर में खबर आ रही है कि सरकार ने लॉकी रैनसमवेयर पर अलर्ट जारी किया है. यह स्पैम मेल द्वारा फ़ैल रहा है और बताया जा रहा है की देशभर में इस रैनसमवेयर का हमला हो सकता है.
अपने कंप्यूटर सिस्टम को अपडेटेड रखें, यदि आप अभी भी विंडोज एक्सपी उपयोग कर रहे हैं, तो इसे नये वर्जन में अपग्रेड कर लें. विंडोज एक्सपी पर माइक्रोसॉफ्ट ने सपोर्ट देना बंद कर दिया है.
किसी भी अनजान ईमेल में अटैचमेंट को न खोलें, खासकर “प्लीज रीड मी” नाम वाले अटैचमेंट को, और मेल में कोई अनजान लिंक, जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है उसे न खोलें. अगर गलती से किसी संक्रमित लिंक या अटैचमेंट से सिस्टम में आटोमेटिक प्रोग्राम इनस्टॉल होने लग गया है, तो तुरंत कंप्यूटर का स्विच बंद कर दीजिए. अगर आपका कंप्यूटर भी रैनसमवेयर से संक्रमित हो गया है

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