IPL Online Betting Risk: ऑनलाइन बेटिंग के ऐड इन दिनों टीवी पर खूब आने लगे हैं. इन्हीं में से एक की टैगलाइन है - खेलो दिमाग से. ऑनलाइन बेटिंग गेम्स जैसे रम्मी, पोकर और दूसरे सट्टेबाजी के खेल भारत में पॉपुलर हो रहे हैं. टीवी चैनलों पर आनेवाले इनके विज्ञापनों में थोड़े से दिमाग का इस्तेमाल कर लखपति बनने का ख्वाब दिखाया जाता है. ऐसा देखा जा रहा है कि कोरोना महामारी के बाद बहुत से बेरोजगार लोग पैसा बनाने के लिए बेटिंग, कसीनो, रम्मी, पोकर जैसी चीजों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. सरकार के अनुसार, टेलीविजन पर कई स्पोर्ट्स चैनल के साथ-साथ OTT प्लैटफॉर्म और न्यूज वेबसाइटों पर ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन दिखाये जा रहे हैं, जो गैर-कानूनी है.
शॉर्टकट तरीके से ज्यादा पैसा बनाने का खेल
दिमाग से खेलकर, कम मेहनत लगाकर शॉटकर्ट तरीके से ज्यादा पैसा बनाने के लिए इन दिनों कई लोग ऑनलाइन सट्टेबाजी साइटों में शामिल हो रहे हैं. इन ऑनलाइन गेम साइट के लिए कानूनी आयु सीमा 18 वर्ष है. लेकिन फर्जी आईडी और आयु सीमा की जांच के लिए ऐसा कोई प्राधिकरण नहीं है. इन खेलों में जोखिम भी बहुत होता है. यही वजह है कि ऐसे खेल खेलने वाले बहुत से लोग पैसे के नुकसान या कर्ज में डूबने के कारण आत्महत्या तक कर लेते हैं.
कैसे फंसते हैं यूजर्स?
एंटी-हैकिंग और साइबर एक्सपर्ट सुवेश सिंह के अनुसार, ऐसे ऐप्स इन दिनों काफी पॉपुलर हो रहे हैं. इनकी वजह है बड़े स्टार्स के साथ इनकी ब्रांड असोसिएशन. लोग अपने फेवरेट फिल्म स्टार्स और क्रिकेटर्स को देखकर इन ऐप्स के झांसे में आ जाते हैं.
ऐसे सारे ऐप्स गैर-कानूनी नहीं होते हैं. जितने भी गैंबलिंग और बेटिंग ऐप्स के बारे में आप जानते हैं, उनमें से लगभग 35 प्रतिशत आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त हैं. लेकिन पैसा उन्हें भी कमाना है. इसके लिए शुरू में तो वे यूजर को फायदा देते हैं, यूजर को पैसे जीतने देते हैं. इसके बाद उनका असली खेल शुरू होता है.
ये ऐप्स शुरू में तो यूजर को अलग-अलग जगहों पर बैठे यूजर्स के साथ खेलने देते हैं. लेकिन बाद में जब यूजर को खेलने और जीतने का चस्का लग जाता है और वह बड़ी रकम दांव पर लगा देता है, तो यूजर के सामने खेलनेवाला कंप्यूटर सॉफ्टवेयर होता है, तो यूजर को हरा देता है.
सही ऐप की पहचान के लिए गूगल प्ले स्टोर पर जाएं. इसकी रेटिंग और रिव्यूज पढ़ें. और जैसा कि ये ऐप्स अपने विज्ञापनों में डिस्क्लेमर डालते हैं, खेलने के दौरान सतर्तता बरतें और जिम्मेदारी से खेलें.
सट्टेबाजी का खेल भारत में अवैध
सट्टेबाजी का खेल भारत में अवैध है, लेकिन इसके बाद भी देश में सट्टेबाजी का कारोबार फल-फूल रहा है. यहां हर रोज करोड़ों-अरबों रुपये का सट्टा लगता है. सट्टेबाज अब ऑनलाइन सट्टेबाजी कर रहे हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो गया है. अब सट्टेबाजी के लिए कई ऐप्स उपलब्ध हैं, जिसके जरिये लोग ऑनलाइन सट्टा लगाते हैं. इन ऐप्स की मदद से कहीं से भी कभी भी सट्टा लगाया जा सकता है.
सट्टेबाजों को पकड़ना मुश्किल हुआ
ऑनलाइन बेटिंग वाले इन ऐप्स के चलते न केवल सट्टेबाजों को पकड़ना मुश्किल हो गया है, बल्कि सट्टेबाजी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में इस समय सट्टेबाजी का बाजार लगभग 10 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है. कुछ महीने पहले भारत सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगाने की बात कही थी. इस दौरान सरकार ने इस तरह के विज्ञापन बंद करने के लिए चैनलों को कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी.
बेटिंग में कौन से ऐप्स शामिल हैं?
बीते साल अक्तूबर में भारत सरकार ने जिन बेटिंग प्लैटफॉर्म्स के विज्ञापनों को लेकर जो एडवाइजरी जारी की थी, उनके मुताबिक इन ऐप्स में बेटवे, फेयरप्ले, बेट 365, परीमैच, 1xबेट और वुल्फ 777 जैसे ऐप शामिल हैं. सरकार के अनुसार, ये ऐप्स टैक्स चोरी में भी शामिल हैं. देश में लगातार बढ़ती ऑनलाइन सट्टेबाजी के चलते सरकार अब इसपर शिंकजा कसने की तैयारी कर रही है. सट्टेबाजी पर लगाम लगाने के लिए पिछले कुछ महीनों में ED ने ऑनलाइन सट्टेबाजी चला रहीं कई कंपनियों पर रेड डाली है. इन सब कोशिशों के बाद भी सट्टेबाजी कम नहीं हो रही है और देश के बाहर से चलने वाले कई ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लैटफाॅर्म्स अपना काला धंधा चला रहे हैं.