32.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

फेसबुक का ‘सुप्रीम कोर्ट’ आपत्तिजनक पोस्ट पर रखेगा नजर, भारत के सुधीर कृष्णास्वामी भी ‘ज्यूरी’ मेंबर

facebook 20 member oversight Board, facebook, oversight Board, mark zuckerberg, sudhir krishnaswamy, moderate content, supreme court: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने एक इंडिपेंडेट बोर्ड का ऐलान किया है, जो यह तय करेगा कि किस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट फेसबुक या इंस्टाग्राम से हटाये जाएं. यह बोर्ड कंटेंट मॉडरेशन पर काम करेगा.

Facebook announce 20 member oversight Board to moderate Posts Pages and Profiles: सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने एक इंडिपेंडेट बोर्ड का ऐलान किया है, जो यह तय करेगा कि किस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट फेसबुक या इंस्टाग्राम से हटाये जाएं. यह बोर्ड कंटेंट मॉडरेशन पर काम करेगा.

कंपनी ने बताया है कि यह एक स्वतंत्र बोर्ड है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री, नॉबेल शांति पुरस्कार विजेता, कानून विशेषज्ञों, प्रोफेसर और पत्रकार समेत 27 देशों के 20 लोगों को शामिल किया है. भारत के सुधीर कृष्णास्वामी भी इस बोर्ड के मेंबर बनाये गए हैं. वे बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया के कुलपति हैं.

Also Read: Facebook Live देखने के लिए अब देनी पड़ेगी फीस

इस बोर्ड में डेनमार्क के पूर्व प्रधानमंत्री हेले थॉर्निंग श्मिट, नॉबेल शांति पुरस्कार विजेता तवाकुल कामरान, पाकिस्तान के डिजिटल अधिकारों के वकील निगत डैड, पत्रकार एलेन रूसब्रिजर, अमेरिका के फेडरल सर्किट के पूर्व जज और धार्मिक आजादी के विशेष माइकल मैककॉनेल, संवैधानिक कानून विशेषज्ञ जैमल ग्रीन और कोलंबिया के अटॉर्नी कैटलिना बोटेरे-मैरिनो प्रमुख नाम हैं.

शुरुआत में कंपनी इस बोर्ड में 20 मेंबर्स रखेगी, जिसे बाद में बढ़ाकर 40 तक किया जा सकता है. फेसबुक का यह बोर्ड ये तय करेगा कि किस तरह के पोस्ट को फेसबुक से हटाया जाना चाहिए और इसके लिए वह फेसबुक के सीईओ की बात मानने के लिए बाध्य नहीं होगा. यही वजह है कि फेसबुक द्वारा बनाये गए इस इंडिपेंडेट बोर्ड को फेसबुक का सुप्रीम कोर्ट भी कहा जा रहा है.

Also Read: Facebook Dark Web Deal: कौड़ियों में बिका करोड़ों फेसबुक यूजर्स का डाटा, आप बरतें यह सावधानी

बता दें कि फेसबुक कंटेंट मॉडरेशन को लेकर लंबे समय से सवालों के घेरे में रहा है. इसी वजह से पिछले दिनों कंपनी ने फेसबुक से ट्रेंडिंग सेक्शन तक हटा दिया था, क्योंकि कंपनी पर आरोप थे कि ट्रेंडिंग को कंपनी अपने फायदे के अनुसार सेट करती है.

इस बोर्ड के चार को-चेयर हैं, जो अमेरिका के ही हैं. इसके अलावा एक चौथाई मेंबर्स भी अमेरिका के ही हैं, चूंकि फेसबुक एक अमेरिकी कंपनी है. यह बोर्ड कंपनी को नीतियों के बारे में भी सुझाव दे सकता है. बोर्ड के फैसलों को कंपनी को 90 दिन में लागू करना होगा. हालांकि, कुछ मामलों में कंपनी समीक्षा के लिए 30 दिन मांग सकेगी.

Also Read: Facebook Jio Deal: छह करोड़ छोटे करोबारियों को बड़ा बनाने साथ आ रहे फेसबुक और जियो, पढ़ें जुकरबर्ग ने क्या लिखा…

कंपनी विज्ञापन और फेसबुक ग्रुप से जुड़े कुछ अहम फैसले का अधिकार भी बोर्ड को दे सकती है. कंटेंट से जुड़े किसी भी मामले पर यह बोर्ड सार्वजनिक तौर पर जवाब देगा. बोर्ड के 6 साल के काम के लिए फेसबुक ने 130 मिलियन डॉलर (लगभग 988 करोड़ रुपये) का फंड बनाया है.

फेसबुक ने जानकारी दी है कि यह बोर्ड कंटेंट मॉडरेशन के एक नये मॉडल को रिप्रेजेंट करेगा. फेसबुक के इस बोर्ड में जर्नलिस्ट, जज, डिजिटल राइट ऐक्टिविस्ट और सरकार के पूर्व एडवाइजर को रखा गया है जो अलग-अलग देशों से हैं.

Also Read: Facebook Live फीचर का बिना अकाउंट के करें इस्तेमाल, Data की भी जरूरत नहीं

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें