Auto Sales: देश में वाहनों की थोक बिक्री की रफ्तार बीते वित्त वर्ष 2021-22 में सुस्त रही है. वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने यह जानकारी देते हुए कहा कि देश में वाहनों की कुल थोक बिक्री (कारखानों से डीलरशिप को वाहनों की आपूर्ति) बीते वित्त वर्ष में छह प्रतिशत घट गई. वहीं, दोपहिया वाहनों की बिक्री घटकर 10 साल के निचले स्तर पर आ गई.
सियाम के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में विभिन्न श्रेणियों में वाहनों की कुल बिक्री घटकर 1,75,13,596 इकाई रह गई. 2020-21 में वाहन बिक्री का कुल आंकड़ा 1,86,20,233 इकाई रहा था. सियाम के आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष में दोपहिया की थोक बिक्री 10 साल के निचले स्तर पर आ गई. वहीं यात्री वाहनों की थोक बिक्री 2017-18 और 2018-19 के स्तर से कम रही.
यदि 2020-21 को छोड़ दिया जाए, तो तिपहिया वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 19 साल में सबसे कम है. इसके साथ ही वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी बीते वित्त वर्ष में पांच साल में सबसे निचले स्तर पर है. आंकड़ों के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में यात्री वाहनों की कुल बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 30,69,499 वाहन पर पहुंच गई, जो 2020-21 में 27,11,457 वाहन थी.
हालांकि, दोपहिया की कुल बिक्री 11 प्रतिशत घटकर 1,34,66,412 इकाई पर आ गई. इससे पिछले वित्त वर्ष में दोपहिया की बिक्री 1,51,20,783 इकाई रही थी. वित्त वर्ष के दौरान तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़कर 2,60,995 इकाई पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2,19,446 रही थी. वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 5,68,559 इकाई से बढ़कर 7,16,566 इकाई पर पहुंच गई.
सियाम के आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2022 में देश में यात्री वाहनों की कुल बिक्री एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में चार प्रतिशत घटकर 2,79,501 इकाई रह गई. मार्च, 2021 में यात्री वाहनों की बिक्री 2,90,939 इकाई रही थी. मार्च में दोपहिया वाहनों की बिक्री 21 प्रतिशत घटकर 11,84,210 इकाई रह गई. मार्च, 2021 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 14,96,806 इकाई रही थी.
इस दौरान मोटरसाइकिल बिक्री 21 प्रतिशत घटकर 9,93,996 इकाई से 7,86,479 इकाई रह गई. स्कूटरों की बिक्री भी 21 प्रतिशत घटकर 3,60,082 इकाई रही. एक साल पहले समान महीने में दोपहिया कंपनियों ने 4,58,122 स्कूटर बेचे थे. सियाम के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने कहा कि बीता साल उद्योग के लिए बड़ी चुनौतियां वाला रहा. इस दौरान उद्योग को नया सबक सीखने को भी मिला.
आयुकावा ने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग ने अपनी मूल्य शृंखला को कायम रखने के लिए इन चुनौतियों के खिलाफ जमकर संघर्ष किया. इस दौरान सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, फेम योजना के विस्तार के जरिये उद्योग को समर्थन दिया.
सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा कि कुल मिलाकर वाहन उद्योग की बिक्री में बीते वित्त वर्ष में छह प्रतिशत की गिरावट आई. मेनन ने कहा, सभी खंडों को आपूर्ति पक्ष की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है, और उद्योग 2020 की शुरुआत से इस तरह के व्यवधानों से पूरी तरह उबर नहीं पाया है. हालांकि, बीते वित्त वर्ष में देश से वाहनों का कुल निर्यात बढ़कर 56,17,246 इकाई पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 41,34,047 इकाई रहा था. (इनपुट : भाषा)