34.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

तीसरी बार सूर्य के बेहद करीब पहुंचा नासा का यान पार्कर सोलर प्रोब

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का पार्कर सोलर प्रोब रविवार (1 सितंबर, 2019) को सूर्य के बेहद करीब से गुजरा. यह तीसरा मौका था, जब नासा का एक अभियान सौरमंडल के सबसे गर्म ग्रह के इतने करीब था. वैज्ञानिकों ने सूर्य की सतह का अध्ययन करने के लिए विशेष रूप से इसका निर्माण किया है. उनका […]

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का पार्कर सोलर प्रोब रविवार (1 सितंबर, 2019) को सूर्य के बेहद करीब से गुजरा. यह तीसरा मौका था, जब नासा का एक अभियान सौरमंडल के सबसे गर्म ग्रह के इतने करीब था. वैज्ञानिकों ने सूर्य की सतह का अध्ययन करने के लिए विशेष रूप से इसका निर्माण किया है. उनका मानना है कि सूर्य की सतह की गर्मी उससे कहीं ज्यादा है, जितनी वैज्ञानिकों ने सोची है. आज तक कोई यह तय नहीं कर पाया कि सूर्य के वातावरण की गर्मी का स्तर क्या है. इसलिए नासा ने पार्कर सोलर प्रोब को सूर्य के बाहरी वातावरण, जिसे कोरोना कहा जाता है, के अध्ययन के लिए भेजा है.

नासा का पार्कर सोलर प्रोब वर्ष 2025 तक 24 बार सूर्य के बेहद करीब से गुजरेगा. यह विशेष यान दो बार कोरोना के करीब से गुजर चुका है. अगस्त, 2018 में अपने अभियान पर गये सोलर प्रोब के लिए यह तीसरा मौका था, जब वह सूर्य के इतने करीब था. इस दौरान वैज्ञानिकों ने प्रोब के कुछ उपकरणों पर काम किया. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान स्पेसक्राफ्ट ने तेजी से डाटा भेजे, जिसकी वजह से यह संभव हो पाया. कोरोना के करीब पहुंचने पर स्पेसक्राफ्ट ने उम्मीद से ज्यादा तेजी से सूर्य के वातावरण का डाटा धरती पर भेजा था, जिसकी मदद से दूसरी बार वैज्ञानिक कई अतिरिक्त जानकारी जुटाने में सक्षम हो पाये.

बताया जा रहा है कि इस बार ये उपकरण लगातार 35 दिन तक काम करेंगे. यह पिछले दो बार के उपकरणों की तुलना में तीन गुणा ज्यादा होगा. पार्कर सोलर प्रोब में लगे लंबे ऑब्जर्विंग विंडो का फायदा यह होगा कि सूर्य की जो सतह दिख रही होगी, उससे दुगनी दूरी से उसकी माप ले पायेगा. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इन अतिरिक्त आंकड़ों की मदद से वे सूर्य के कई अनजाने रहस्यों का पता लगा पायेंगे. साथ ही यह भी जान पायेंगे कि सूर्य किस तरह से सौर मंडल को प्रभावित करता है.

सूर्य के आसपास के एक-एक घेरे में प्रवेश के साथ यह अंतरिक्ष यान सबसे गर्म ग्रह के वातावरण के बारे में ज्यादा से ज्यादा गहन सूचनाएं उपलब्ध करायेगा. रविवार को सूर्य के करीब पहुंचा यह प्रोब अब शुक्र के करीब पहुंचेगा, जिसके गुरुत्वाकर्षण की मदद से यह 29 जनवरी, 2020 को फिर सूर्य के बेहद करीब होगा.

उल्लेखनीय है कि डेढ़ अरब डॉलर की लागत से बना यह मानवरहित स्पेसक्राफ्ट अगस्त, 2018 में लॉन्च किया गया था. इसे इसलिए छोड़ा गया, ताकि पता लगाया जा सके कि सोलर सिस्टम में कौन-कौन सी चीजें धरती को प्रभावित करती हैं. स्पेसक्राफ्ट के परीक्षण के पीछे सौर तूफान उठने के कारणों का पता लगाना भी एक मकसद है. तब नासा ने कहा था, ‘हम सूर्य को छूने के बिल्कुल नजदीक पहुंच गये हैं. सूर्य की सतह के 26.55 मिलियन मील के भीतर गुजरने के साथ पार्कर सोलर प्रोब सूर्य के सबसे पास जाने वाला स्पेसक्राफ्ट बन गया.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें