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सीरियल किलर बनता जा रहा है WhatsApp

नेशनल कंटेंट सेल व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड किये जाने वाले मैसेज देश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़का रहे हैं. इन फेक मैसेज से पिछले चार महीनों में 29 लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी है. रविवार को महाराष्ट्र के धुलिया में पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि मालेगांव में पुलिस […]

नेशनल कंटेंट सेल

व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड किये जाने वाले मैसेज देश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़का रहे हैं. इन फेक मैसेज से पिछले चार महीनों में 29 लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी है. रविवार को महाराष्ट्र के धुलिया में पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि मालेगांव में पुलिस ने पांच लोगों की भीड़ से जान बचायी. कोई नहीं जानता कि यह मैसेज कहां से आया, या यूं कहिए कि किसी कि रुचि इस बात को जानने में होती ही नहीं है. बस मैसेज आया और शुरू हो जाता है फॉरवर्ड का दौर.
कश्मीर से कन्याकुमारी और असम से गुजरात तक ये मैसेज जंगल की आग की तरह फैलती है. तेजी से फैलती झूठी खबरें न सिर्फ लोगों को गुमराह कर रही हैं, बल्कि लोगों की जान भी ले रही हैं. विडंबना यह है कि सरकार अब तक एक बार भी यह गुत्थी नहीं सुलझा पायी है कि किसने इसे सबसे पहले भेजा. लेकिन, अब केंद्र सरकार चेती है. होम मिनिस्ट्री ने इस मामले में सभी राज्यों के पुलिस प्रमुख से बात कर ऐसे मैसेज फॉरवर्ड करने वालों पर कड़ा एक्शन लेने को कहा है. सरकार इस मामले की तह में जाकर जांच करना चाहती है.
सूत्रों के अनुसार, ऐसे अफवाह भरे संदेश को रोकने के लिए सरकार व्हाट्सएप से बात कर नयी सोशल मीडिया नीति को भी अंतिम रूप देने में जुटी है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, सबसे हैरान करने वाली बात है कि आंध्र प्रदेश से लेकर त्रिपुरा, झारखंड से लेकर महाराष्ट्र तक, सभी ऐसी हत्याओं के पीछे एक ही कारण व्हाट्सएप से फैलायी गयी अफवाह थी.

पहला मामला झारखंड में

व्हाट्सएप पर अफवाह फैलने के बाद भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को निशाना बनाये जाने का पहला मामला झारखंड में आया था. मई, 2017 में सरायकेला-खरसांवा जिले के राजनगर इलाके में बच्चा चोरी की आशंका में सात लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी थी. मृतकों में दो भाई भी थे.

जिम्मेदारी से बच नहीं सकती कंपनी

केंद्र सरकार ने मंगलवार को व्हाट्सएप को चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि वह ‘गैर-जिम्मेदार और विस्फोटक संदेशों’ को अपने प्लेटफॉर्म पर फैलने से रोके. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना तकनीक मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि फेसबुक के मालिकाना हक वाली कंपनी ‘अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच नहीं सकती.’

फैलती है एक तरह की अफवाह

मैसेज में लिखा होता है कि दूसरे राज्य के कुछ लोग बच्चा चुराने आये हैं, या कुछ लोगों का ग्रुप आपके इलाके में अंगों की तस्करी कर रहा है. सबूत के तौर पर पाक में बनी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का क्लिप डाल दिया जाता है.

27 लोगों को उतारा मौत के घाट
राज्य मृतक
झारखंड 07
महाराष्ट्र 05
तमिलनाडु 03
तेलंगाना 02
त्रिपुरा 02
कर्नाटक 02
असम 02
गुजरात 01
प बंगाल 01
आंध्र प्रदेश 01
मध्य प्रदेश 01

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