केंद्र सरकार ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के किर्गीस्तान और हंगरी में अभ्यास को टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) के तहत मंजूरी दे दी है. बजरंग और विनेश भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पिछले कुछ महीने से चल रहे आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे. दोनों ने खेल मंत्रालय की टॉप्स टीम को प्रस्ताव भेजा था जो 24 घंटे के भीतर स्वीकार कर लिया गया.
भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार बजरंग किर्गीस्तान में 36 दिन के अभ्यास शिविर में भाग लेंगे जबकि विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश किर्गीस्तान के बिश्केक में एक सप्ताह अभ्यास के बाद हंगरी में 18 दिन अभ्यास शिविर में हिस्सा लेंगी. विनेश के साथ उनके फिजियो अश्विनी पाटिल, अभ्यास साझेदार संगीता फोगाट और कोच सुदेश जायेंगे जबकि बजरंग के साथ कोच सुजीत मान, फिजियो अनुज गुप्ता, अभ्यास साझेदार जितेंदर और अनुकूलन विशेषज्ञ काजी हसन होंगे.
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सरकार विनेश, बजरंग पूनिया, उनके अभ्यास साझेदारों और कोचों के हवाई टिकट, रहने और खाने के खर्च, शिविर के खर्च, स्थानीय परिवहन और अन्य खर्च उठायेगी. वहीं बाकी सहयोगी स्टाफ का खर्च ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट उठायेगा. दोनों जुलाई के पहले सप्ताह में रवाना होंगे. सरकार के इस फैसले के बाद विनेश फोगाट ने विदेश में अभ्यास की स्वीकृति देने पर सरकार का आभार जताया है.
दूसरी ओर, छह प्रदर्शनकारी पहलवानों को चयन ट्रायल में छूट दिये जाने के बाद कुछ पहलवानों के कोच और उनके माता-पिता ने आपत्ति जतायी है. गुरुवार को कुछ कोच ने भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति को बताया कि प्रदर्शनकारी छह पहलवानों को एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप के ट्रायल्स में छूट देने का फैसला कुश्ती बिरादरी को रास नहीं आया है. भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाले पैनल ने मेरठ में हुई एक अनौपचारिक बैठक में राष्ट्रीय फ्रीस्टाइल कोच जगमंदर सिंह, राष्ट्रीय ग्रीको रोमन कोच हरगोबिंद सिंह और राष्ट्रीय महिला कोच वीरेंद्र सिंह दहिया के विचार सुने.