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लंपी वायरस से बचाव के लिए मवेशियों को दी जा रही वैक्सीन

मवेशियों को लंपी वायरस से बचाव के लिए राजापाकर प्रखंड की सभी पंचायतों में पशु टीकाकर्मी घर-घर जाकर पशुओं का टीकाकरण कर रहे हैं. इस बीमारी के लक्षणों में पशु को तेज बुखार आना, शरीर पर दाना-दाना होना, खाना छोड़ देना, दूध की कमी होना, शरीर पर चकता चकत्ता होने के बाद घाव का रूप ले लेना है.

राजापाकर. मवेशियों को लंपी वायरस से बचाव के लिए राजापाकर प्रखंड की सभी पंचायतों में पशु टीकाकर्मी घर-घर जाकर पशुओं का टीकाकरण कर रहे हैं. पशु चिकित्सक डॉ. रुचि कुमार एवं डॉ. धर्मवीर कुमार ने बताया कि लंपी त्वचा रोग से संबंधित बीमारी है. यह बीमारी गौ वंश गाय, बाछा, बाछी में होता है. भैंस में यह बीमारी नहीं होती है.

लंपी बीमारी के लक्षण क्या-क्या हैं.

इस बीमारी के लक्षणों में पशु को तेज बुखार आना, शरीर पर दाना-दाना होना, खाना छोड़ देना, दूध की कमी होना, शरीर पर चकता चकत्ता होने के बाद घाव का रूप भी ले लेता है. इसके लक्षण के अनुसार इलाज करना है. सभी दवाइयां सरकारी पशु चिकित्सालय राजापाकर एवं बैद्यनाथपुर में उपलब्ध है. बीमारी होने पर एक-दूसरे पशु के संपर्क में आने पर भी यह बीमारी फैलती है. बताया कि पशुओं का टीकाकरण 13 अप्रैल तक चलेगा. डॉ. रूचि कुमार ने बताया कि जिन पशुओं के कान में टैग लगे हुए हैं, उन्हें ही टीका देना है. जिन किसानों के मवेशी को टैग नहीं हैं. वे पशु चिकित्सालय में संपर्क कर टैग लगवा लें. तभी उन्हें पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं से लाभ मिल सकेगा.

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