Aarti kunj bihari kee: आज कृष्ण जन्माष्टमी है. भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा-वृंदावन में कान्हा का जन्मोत्सव की धूम है. आज मध्यरात्रि 12 बजे कान्हा का जन्म होगा. इस मौके पर मथुरा-वृंदावन के गली-गली हरे कृष्णा हरे कृष्णा से गूंज रही है. कान्हा के स्वागत के लिए मथुरा-वृंदावन को दुल्हन की तरह सजाया गया है. इस दिन कृष्ण भक्त तरह-तरह से भगवान को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. कोई निर्जल व्रत रहता है तो कोई कृष्ण नाम की माला का जाप करता है, इसके साथ ही छप्पन भोग लगाते हैं, तो कुछ भक्त रात्रि जागरण करते है. भगवान कृष्ण का पूजन कर आरती गा कर उनकी स्तुति करने की मान्यता है. इस दिन भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए और आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की आरती करना चाहिए…
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥