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Earth And Saturn: आज धरती के सबसे करीब होगा शनि ग्रह, खुली आंखों से दिखेगा अद्भुत नजार, क्या पड़ेगा प्रभाव

Earth And Saturn, Watching Effects, Visibility Timing In India: आज शनि ग्रह और धरती आपस में बेहद करीब आ जायेगी. पठानी सामंत तारामंडल के निदेशक डॉ. शुभेन्दु पटनायक ने इसकी जानकारी दी है. दुनियाभर के कई हिस्सो में यह नजारा रात में नजर आने वाला है...

Earth And Saturn, Watching Effects, Visibility Timing In India: आज शनि ग्रह और धरती आपस में बेहद करीब आ जायेगी. पठानी सामंत तारामंडल के निदेशक डॉ. शुभेन्दु पटनायक ने इसकी जानकारी दी है. दुनियाभर के कई हिस्सो में यह नजारा रात में नजर आने वाला है…

भारतीय समयानुसार कब दिखेगा ये नजारा

दरअसल, भारतीय समयानुसार यह चमकता हुआ शनि ग्रह 11.30 बजे सुबह में ही नजर आने वाला है. लेकिन, विशेषज्ञों की मानें तो जहां रात होगा वहीं यह नजारा दिखाई देगा.

कितने दिन में धरती के करीब आता है शनि ग्रह

डॉ. शुभेन्दु पटनायक की मानें तो धरती को कुल 365 दिन एक चक्कर लगाने में लगते है. वहीं, शनि ग्रह को कुल 29.5 साल लग जाते है. हर साल एक बार धरती और शनि ग्रह आपस में बेहद करीब आते है. उन्हें आपस में एक-दूजे के सामने आने में 01 साल 13 दिन का समय लगता है.

2022 में कब घटेगी ये घटना

इससे पहले दोनो ग्रह आपस में 20 जुलाई 2020 को एक-दूसरे के सामने आए थे. जबकि, इस साल दोनों 02 अगस्त को एक-दूसरे के नजदीक आ रहे हैं. वहीं, वर्ष 2020 में 14 अगस्त को दोनों ग्रह एक-दूसरे के नजदीक आयेंगे.

कितनी होगी दोनों ग्रहों के बीच की दूरी

डॉ. शुभेन्दु पटनायक के अनुसार आज दोनों ग्रह एक-दूसरे के सामने होंगे तो इनके बीच की औसतन दूरी लगभग 120 करोड़ किलोमीटर होगी. जो इनके बीच की अधिकतम दूरी की तुलना में 50 करोड़ किलोमीटर कम है. उन्होंने बताया कि इनकी बीच अधिकतम दूरी आज से 6 महीने बाद आयेगी.

पूरे अगस्त दिखेगा नजारा

उन्होंने बताया कि रात में यह खुली आंखों से चमकदार नजर आयेगा. जो पूरे अगस्त माह पूरी रात दिखाई देगा. इस दौरान शनि के कुछ उपग्रहों भी टेलीस्कोप के माध्यम से देखे जा सकते है.

बृहस्पति शनि का अद्भुत संयोजन

पिछले साल 21 दिसंबर को एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखने को मिली थी. जब बृहस्पति और शनि एक दूसरे के इतने करीब आ गए थे, मानों लग रहा था कि दोनों एक दूसरे में समा गए हो. उनके बीच का यह संयोजन संयोजन करीब 400 वर्षों बाद देखने को मिला था. जिसका नजारा पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में कोहरे के वजह से आंशिक रूप देखा गया था.

हालांकि, एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक देवी प्रसाद दुआरी ने कहा था कि 1623 वर्ष के बीच कभी ये दोनों ग्रह इतने करीब कभी नहीं आए थे.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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