23.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Sarojini Naidu Birth Anniversary: भारत कोकिला सरोजिनी नायडू के जीवन की प्रमुख बातें और अनमोल विचार जानें

Sarojini Naidu Birth Anniversary: सरोजिनी नायडू के प्लेग महामारी के दौरान किए गए काम के लिए अंग्रेजी सरकार ने उन्हें 'कैसर-ए-हिंद' पदक से सम्मानित किया था. लेकिन जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने विरोध स्वरूप यह सम्मान लौटा दिया था.जानें सरोजिनी नायडू के जीवन से जुड़ी ऐसी ही अन्य प्रमुख बातें.

Sarojini Naidu Birth Anniversary: महिला नेताओं ने सदियों से महिलाओं को अपनी आवाज बनने के लिए प्रेरित किया है. उन्होंने हमेशा महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़े होने और बुराई के खिलाफ बोलने के लिए कहा है. ऐसी ही एक नेता जो प्रेरणा और प्रेरणा का स्रोत रही हैं, वे हैं सरोजिनी नायडू. सरोजिनी नायडू एक नारीवादी, कार्यकर्ता, कवियत्री और राजनीतिक नेता थीं.

सरोजिनी गोपालकृष्ण गोखले को अपना ‘राजनीतिक पिता’ मानती थीं. सरोजिनी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया. वो कांग्रेस से जुड़ीं और साल 1925 में उन्हें भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनाया गया. बाद में देश आजाद होने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल नियुक्त किया गया.

13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद में जन्मीं सरोजिनी नायडू को भारत की कोकिला के नाम से जाना जाता था. उन्होंने बहुत कम उम्र में लिखना शुरू कर दिया था. उन्होंने अंग्रेजी में कई कविताएं लिखी हैं और उनका पहला नाटक जो फारसी भाषा में लिखा गया था, महेर मुनीर ने हैदराबाद के तत्कालीन निज़ाम का ध्यान आकर्षित किया.

सरोजिनी नायडू के जीवन से जुड़ी प्रमुख बातें जानें

  • मात्र 12 साल की उम्र में की साहित्यिक जीवन की शुरुआत – सरोजिनी नायडू ने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत मात्र 12 साल की उम्र में की थी. उन्होंने अपने नाटक ‘माहेर मुनीर’ से पहचान हासिल की.

  • 16 साल की उम्र में मिली स्कॉलरशिप– 16 साल की उम्र में सरोजिनी को हैदराबाद के निज़ाम की ओर से छात्रवृत्ति मिली. इसके बाद वह लंदन किंग्स कॉलेज में पढ़ाई करने चली गईं.

  • कैसर-ए-हिंद सम्मान लौटा दिया– सरोजिनी नायडू को भारत में प्लेग महामारी के दौरान किए गए काम के लिए अंग्रेजी सरकार ने ‘कैसर-ए-हिंद’ पदक से सम्मानित किया था. लेकिन जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने विरोध स्वरूप यह सम्मान लौटा दिया था.

  • स्वतंत्रता प्राप्त करने के 2 साल बाद हुआ निधन– सरोजिनी नायडू का निधन आजादी के दो साल बाद 2 मार्च 1949 को लखनऊ के गवर्नमेंट हाउस में कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुआ. वे अपने आखिरी समय में अपने कार्यालय में काम कर रही थीं.

  • सरोजिनी नायडू के निधन के बाद उनकी बेटी ने प्रकाशित की कविताएं– सरोजिनी नायडू के निधन के करीब 12 साल बाद साल 1961 में उनकी बेटी बद्मा ने उनके कविताओं का एक संग्रह प्रकाशित कराया. इस संग्रह का नाम, ‘द फेदर ऑफ द डॉन’ था.

सरोजिनी नायडू के अनमोल विचार

हम अपनी बीमारी से भारत को
साफ करने से पहले
पुरुषों की एक नई नस्ल चाहते हैं.
– सरोजिनी नायडू

हम मकसद की गहरी ईमानदारी चाहते हैं,
भाषण में अधिक साहस और
कार्रवाई में ईमानदारी. – सरोजिनी नायडू

देश की महानता प्रेम और त्याग के
अपने आदर्श आदर्शों में निहित है
जो दौड़ की माताओं को प्रेरित करती है.
-सरोजिनी नायडू

जब अत्याचार होता है, केवल आत्म-सम्मान
की बात उठती है और कहते हैं कि यह
आज समाप्त हो जाएगा, क्योंकि मेरा अधिकार न्याय है.
यदि आप मजबूत हैं, तो आपको खेलने और काम
दोनों में कमजोर लड़के या लड़की
की मदद करनी होगी.- सरोजिनी नायडू

अपनी लालसा को बुझाने के लिए मैं नींद
की भूमि में उस जादुई लकड़ी में प्रवाहित
होने वाली शांति की आत्माओं की धाराओं
द्वारा मुझे नीचे झुकाता हूं.- सरोजिनी नायडू

एक देश की महानता,बलिदान
और प्रेम उस देश के आदर्शों
पर निहित करता है.- सरोजिनी नायडू

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें