31.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

11 महीने के निचले स्तर पर खुदरा महंगाई दर, नवंबर में घटकर 5.88 फीसदी पर पहुंची

खुदरा महंगाई दर जनवरी से केंद्रीय बैंक की छह फीसदी की संतोषजनक सीमा से ऊपर बनी हुई थी. अब यह 11 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. दिसंबर, 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी रही थी. खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 11 महीने के निचले स्तर पर आ गयी है. खुदरा महंगाई दर घटकर 5.88 फीसदी पर आ गई है.

महंगाई के मोर्चे पर राहत भरी खबर है, दरअसल, खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 11 महीने के निचले स्तर पर आ गयी है. खुदरा महंगाई दर घटकर 5.88 फीसदी पर आ गई है. इस साल यह पहला मौका है जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से नीचे आई है. हालांकि, आरबीआई नीतिगत दर में वृद्धि पर रोक लगाने के निर्णय से पहले अभी और आंकड़ों की प्रतीक्षा कर सकता है. केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति दो फीसदी से छह फीसदी के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने घटी और नवंबर में यह 5.88 फीसदी रही. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2022 में 6.77 फीसदी और पिछले साल नवंबर में 4.91 फीसदी रही थी. रिजर्व बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर विचार करता है. केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने के लिये मई से लेकर अबतक पांच बार में नीतिगत दर रेपो में 2.25 फीसदी की वृद्धि की है. रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति समीक्षा में जनवरी-मार्च तिमाही में मुद्रास्फीति के छह फीसदी से नीचे आने का अनुमान जताया था.

मुद्रास्फीति 6 फीसदी से नीचे: रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति उम्मीद के उलट नवंबर महीने में छह फीसदी से नीचे आ गयी. यह खाद्य महंगाई के मोर्चे पर तुलनात्मक आधार कमजोर होने तथा सब्जियों के दाम में नरमी को दर्शाता है. एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने खाद्य पदार्थों की महंगाई दर घटकर 4.67 फीसदी पर आ गई जो इससे पिछले महीने में 7.01 फीसदी थी. हालांकि विविध जिंसों, ईंधन और प्रकाश, पान, तंबाकू जैसे उत्पादों की महंगाई सालाना आधार पर बढ़ी है. नायर ने कहा, ‘‘अब दिसंबर, 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति कितनी नरम पड़ती है, उससे मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की फरवरी में मौद्रिक नीति तय होगी.

नीतिगत दर में वृद्धि कर सकता है आरबीआई: बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि हालांकि खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी है, लेकिन व्यापक स्तर पर चीजें अभी परेशान कर रही हैं. कपड़े और जूते, ईंधन और प्रकाश और विविध श्रेणियों में महंगाई दर छह फीसदी से ऊपर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि चूंकि तुलनात्मक आधार का लाभ दिसंबर में उपलब्ध नहीं होगा, ऐसे में मुद्रास्फीति 6.5 फीसदी से ऊपर रह सकती है. सबनवीस ने कहा, ‘‘चूंकि आने वाले समय में मुद्रास्फीति के छह फीसदी से ऊपर रहने की संभावना है, ऐसे में आरबीआई फरवरी में नीतिगत दर में 0.25 फीसदी की और वृद्धि कर सकता है.

11 महीने के निचले स्तर पर महंगाई दर: खुदरा महंगाई दर जनवरी से केंद्रीय बैंक की छह फीसदी की संतोषजनक सीमा से ऊपर बनी हुई थी. अब यह 11 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. दिसंबर, 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.66 फीसदी रही थी. आरबीआई ने महंगाई को काबू में लाने के लिये पिछले सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.35 फीसदी बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया था. कोटक महिंद्रा बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा कि मुद्रास्फीति में कमी का प्रमुख कारण खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी है. मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति अभी भी ऊंची बनी हुई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें