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बिहार में महंगी होगी बिजली? विनियामक आयोग ने दर बढ़ाने की याचिका की मंजूर, इस दिन शुरू होगी जनसुनवाई

बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की अप्रैल 2024 से बिजली दरें बढ़ाने की याचिका स्वीकार कर ली है. बिजली कंपनी ने 4.38 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है.

बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को नए साल में महंगाई का झटका लग सकता है. राज्य में अप्रैल 2024 से बिजली दर बढ़ाने की बिजली कंपनियों की याचिका बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने स्वीकार कर ली है. बिजली कंपनी ने 4.38 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. मंगलवार को आयोग के सदस्य अरुण कुमार सिन्हा और परशुराम सिंह यादव ने याचिका को स्वीकार करते हुए 25 दिसंबर तक बिजली डर बढ़ाने के प्रस्ताव को सार्वजनिक करने को कहा है. साथ ही 15 जनवरी तक इस याचिका पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. साथ ही 19 जनवरी 2024 से विद्युत प्रमंडलों में जन सुनवाई प्रारंभ किए जाने का निर्णय लिया गया है.

जन सुनवाई कार्यक्रम के बाद आयोग देगा निर्णय

यह जन सुनवाई मोतिहारी, पूर्णिया, बिहारशरीफ, सासाराम के बाद पटना में होगी. दो फरवरी को पटना में नॉर्थ एवं साउथ बिहार डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की याचिका पर जन सुनवाई कार्यक्रम के बाद मार्च के दूसरे या तीसरे हफ्ते तक आयोग अपना निर्णय देगा. आयोग के निर्णय के आधार पर एक अप्रैल 2024 से नई बिजली दर लागू होगी.

15 जनवरी तक लोगों से मांगे गए सुझाव

मंगलवार को याचिका पर चर्चा करते हुए आयोग की खंडपीठ ने बिजली कंपनियों को 25 दिसंबर तक प्रस्तावित टैरिफ को कंपनी की वेबसाइट एवं अन्य माध्यमों से सार्वजनिक रूप से प्रचारित करने का निर्देश दिया. प्रस्तावित टैरिफ पर 15 जनवरी 2024 तक दावा- आपत्तियां ली जाएंगी. इच्छुक व्यक्ति या संस्था आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपनी आपत्ति इ-मेल, डाक या स्वयं आयोग कार्यालय में जाकर जमा करा सकेंगे.

कंपनियों ने 15 नवंबर को दायर की थी याचिका

बता दें कि आपूर्ति सहित ट्रांसमिशन, ग्रिड कंपनी और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने 15 नवंबर 2023 को ही आयोग के समक्ष अलग-अलग याचिका दायर कर 2024-25 के लिए नई बिजली दर के निर्धारण की मांग की थी. बिजली कंपनियों ने बढ़ोतरी के पीछे बिजली आपूर्ति के खर्च में हुई वृद्धि को आधार बनाया है. कंपनी ने आयोग को बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मौजूदा बिजली दर के हिसाब से कंपनी की 34 हजार 266 करोड़ की आमदनी होगी वहीं 34 हजार 862 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस तरह कंपनी के खर्च और आमदनी में लगभग 594 करोड़ का अंतर होगा.

4.38 फीसदी वृद्धि करने का प्रस्ताव

इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी आमदनी और खर्च में लगभग 441 करोड़ का अंतर आएगा. ऐसे में कंपनी को लगभग 1037 करोड़ का नुकसान होगा. जिसकी भरपाई के लिए लगभग तीन प्रतिशत की वृद्धि जरूरी है. लेकिन आपूर्ति कंपनियों ने एसएस (बिना मीटर वाले) कैटेगरी को छोड़ बाकी सभी श्रेणी में फिक्सड चार्ज में कोई वृद्धि नहीं करते हुए नए वित्तीय वर्ष में बिजली दर में 4.38 फीसदी वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया है.

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बिजली दर बढ़ने पर भी उपभोक्ताओं को मिल सकती है राहत

बिहार में बिजली कंपनी की याचिका पर अगर बिजली दर बढ़ती भी है तो भी ग्राहकों को कुछ राहत मिल सकती है. याचिका में कंपनी ने कहा है कि गैर-घरेलू और आईएएस-ए श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए केवीएएच आधारित बिलिंग, 400 केवी पर एचटीआईएस और 132/220 केवी पर एचटीएसएस के लिए नई टैरिफ श्रेणी की शुरूआत की बात कही गई है. राज्य की वास्तविक मांग के अनुसार दिन के समय (टीओडी) टैरिफ संरचना में परिवर्तन किया जायेगा. समय पर ऑनलाइन पेमेंट करने वाले एचटी श्रेणी के लिए उपभोक्ताओं को अनुदान दिया जायेगा.

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