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लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को लेकर बिहार से दिल्ली तक सियासी हलचल, झारखंड पर क्या होगा असर

बिहार की राजधानी पटना में राजद नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर लालू प्रसाद यादव राजद नेताओं के साथ अहम बैठक कर रहे हैं. वहीं, भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में भाजपा नेताओं की बैठक बुला ली है.

लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को लेकर बिहार से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है. बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राबड़ी आवास पर राजद विधायकों की बैठक बुलाई है, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सभी विधायकों को पटना बुला लिया है. भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को अमित शाह ने दिल्ली बुलाया है, तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी केसी त्यागी भी दिल्ली चले गए हैं. इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ बीच में ही छोड़कर नई दिल्ली लौट गए हैं. एक साथ इतने घटनाक्रमों ने बिहार ही नहीं, देश की राजनीति में हलचल मचा दी है.

15 मिनट में खत्म हो गई नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठक

बिहार की राजधानी पटना में राजद नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर लालू प्रसाद यादव राजद नेताओं के साथ अहम बैठक कर रहे हैं. वहीं, भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में भाजपा नेताओं की बैठक बुला ली है. दिन में नीतीश कुमार की कैबिनेट की बैठक महज 15 मिनट में खत्म हो गई. कैबिनेट की बैठक से निकलने के बाद तेजस्वी यादव गुस्से में दिख होने के बाद राजनीतिक पारा चढ़ने लगा. लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए, जिसके अलग-अलग मायने निकाले जाने लगे.

पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने रद्द किया झारखंड दौरा

राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई कि बिहार में राजद और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में सब कुछ ठीक नहीं है. नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलकर भाजपा के साथ जा सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 4 फरवरी का झारखंड दौरा रद्द हो गया, तो बिहार के मुख्यमंत्री का झारखंड दौरा भी रद्द हो गया. इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत होने वाली रैली में भी जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया. झारखंड जदयू के नेताओं से जब इस संबंध में बात की गई, तो उन्होंने कार्यक्रम रद्द होने की पुष्टि तो की, लेकिन इसके आगे कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. जदयू नेता नीतीश कुमार से मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए हैं.

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क्या होगा नीतीश कुमार का अगला कदम?

एक साथ इतने सारे घटनाक्रमों की लोगों ने कड़ियां जोड़ने की कोशिश शुरू कर दी. चर्चा तेज हो गई कि नीतीश कुमार I.N.D.I.A. गठबंधन से नाता तोड़ लेंगे? बिहार में राजद-जदयू का गठबंधन टूट जाएगा? इन सवालों का जवाब अभी किसी के पास नहीं है. लेकिन, इन घटनाक्रमों से सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है. सभी राजनीतिक दल सक्रिय हैं. सभी पार्टियां अपना-अपना किला बचाने में और अपने-अपने विधायकों-नेताओं को एकजुट करने में जुट गईं हैं.

नीतीश की पहल पर बना I.N.D.I.A. गठबंधन

ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए बन रहे विपक्षी गठबंधन की नीतीश कुमार धुरी थे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की सलाह पर उन्होंने विपक्षी दलों को एकजुट करने का बीड़ा उठाया. 24 विपक्षी दलों का इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिकट इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) अस्तित्व में आया. भारतीय जनता पार्टी और उसके घटक दलों के गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को लोकसभा चुनाव में मात देने के लिए इस गठबंधन की बैठकों का दौर शुरू हुआ. लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर गठबंधन किसी नतीजे पर पहुंचता इसके पहले ही ममता बनर्जी ने ‘एकला चलो रे…’ का रास्ता चुन लिया. पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.

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तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन से दूरी बनाई

ममता बनर्जी के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से साफ मना कर दिया. इस तरह I.N.D.I.A. गठबंधन से दो पार्टियां एक-एक कर अलग हो गईं. इससे पहले ही भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वह देश का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. हालांकि, नीतीश कुमार ने साफ किया कि वह प्रधानमंत्री बनने की होड़ में नहीं हैं. वह सिर्फ सत्ता के खिलाफ एक मजबूत विपक्षी गठबंधन चाहते हैं, जो केंद्र की वर्तमान सरकार को लोकसभा चुनाव में चुनौती दे सके. हालिया घटनाक्रम के बाद नीतीश का अगला कदम क्या होगा, इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

झारखंड की राजनीति पर क्या होगा असर

सवाल यह भी है कि नीतीश कुमार अगर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के गठबंधन तोड़ लेते हैं, I.N.D.I.A. से भी अलग हो जाते हैं, तो झारखंड की राजनीति पर इसका क्या असर होगा. इस संबंध में प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) ने जदयू के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष खिरू महतो से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. वहीं, राजनीति के जानकार कहते हैं कि झारखंड में जदयू का कोई अस्तित्व ही नहीं है. इसलिए बिहार के घटनाक्रम का झारखंड की राजनीति पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है.

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