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उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के 7 जिलों के करीब 100 यात्री बसों का परमिट दो साल से लटका, बस संचालक परेशान

उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की बैठक दो साल से नहीं होने से करीब 100 यात्री बसों का परमिट लटक गया है. सात जिलों के सैकड़ों आवेदन आज भी लंबित है. इससे बस संचालक परेशान हैं.

Jharkhand News: उत्तरी छोटानागपुर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार (North Chotanagpur Regional Transport Authority) की नियमित बैठक नहीं होने से सात जिले के लगभग 100 यात्री बसों का परमिट दो साल से लटका पड़ा है. राज्य में झामुमो गठबंधन की नयी सरकार बनने के बाद पहले कोविड-19 का हवाला देकर बैठक नहीं हुआ. फिर कोविड़-19 के बाद लगभग दो वर्षों से प्राधिकार की बैठक बंद है. प्राधिकार की नियमित बैठक नहीं होने से उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत सभी सात जिला कोडरमा, चतरा, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद एवं हजारीबाग में यात्री बस मालिकों को समय पर परमिट जारी नहीं किया गया है. परमिट लेने के लिए अलग-अलग सभी जिलों से मिलाकर RTA कार्यालय में लगभग 100 आवेदन लंबित है. बस मालिक परमिट लेने के लिए परेशान हैं. कई बस मालिकों ने बताया कि इस ओर सरकार एवं जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है.

क्या है मामला

सरकार द्वारा गठित प्राधिकार की नियमित बैठक आयुक्त के स्तर पर की जाती है. इसमें यात्री बसों को एक, तीन, विशेष स्थिति में पांच वर्ष के लिए परमिट (पीपी), टेंपरेरी परमिट (टीपी), सभी तरह के परमिट रिनुअल, बसों के खुलने की टाइमिंग एवं अन्य परिवहन से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों का निर्धारण एवं इसपर ठोस निर्णय लिया जाता है. जो लगभग दो वर्षों से बंद पड़ा है. कई बस मालिकों ने बैंक एवं अन्य फाइनेंस कंपनियों से नई बस खरीदी है. परमिट नहीं मिलने से उनकी नई एवं पुरानी सभी बसें खड़ी हैं. उनका रोजगार बंद है. यात्री बसों से जुड़े लोगों का भी रोजगार ठप पड़ा है. यात्री बसों के परमिट जारी करने में सरकार को विभिन्न स्रोतों के माध्यम से राजस्व प्राप्त होता है. प्राधिकार की नियमित बैठक नहीं होने से सरकार को मिलने वाली सभी तरह के राजस्व नहीं मिल रहे हैं.

चार सदस्यीय कमेटी

उत्तरी छोटानागपुर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार चार सदस्यीय कमेटी है. पदेन अध्यक्ष आयुक्त हैं. आरटीए सचिव के अलावा सरकार की ओर से मनोनीत दो लोग कमेटी में सदस्य हैं. 19 दिसंबर, 2019 हेमंत सरकार बनने के बाद नयी कमटी का गठन नहीं किया गया है. झारखंड राज्य में पांच प्रमंडल दुमका, कोल्हान, दक्षिणी छोटानागपुर (रांची), पलामू एवं उत्तरी छोटानागपुर (हजारीबाग) प्रमंडल शामिल है.

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24 फरवरी, 2020 को प्राधिकार की हुई थी अंतिम बैठक

उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की अंतिम बैठक 24 फरवरी, 2020 को हुई है. इसमें 253 आवेदनों पर विचार किया गया था. बैठक में तत्कालीन आयुक्त सह अध्यक्ष अरविंद कुमार, सचिव कृष्ण कुमार सिंह, सदस्यों में पंकज कुमार साह, राजेंद्र राय एवं सभी सात जिले के बस मालिक शामिल थे.

पूरे मामले की जानकारी से सरकार अवगत है : सीके उरांव

इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल मुख्यालय, हजारीबाग के आयुक्त सह अध्यक्ष सीके उरांव ने कहा कि प्राधिकार की कमेटी में दो नये सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है. बैठक स्थगित है. पूरे मामले की जानकारी से सरकार अवगत है. वहीं, उतरी छोटानागपुर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार, हजारीबाग के सदस्य पंकज कुमर ने कहा कि लगभग ढाई-तीन वर्षों में प्राधिकार की नयी कमेटी का गठन नहीं होना सरकार की विफलता का परिणाम है. सात जिले के दर्जनों बस मालिक परमिट के लिए परेशान हैं. इसमें सरकार की राजस्व की क्षति है. कहा कि नियमानुसार हर दो महीने में प्राधिकार की बैठक कर बस मालिकों की समस्या का समाधान करना है.

रिपोर्ट : आरिफ, हजारीबाग.

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