36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

संसद ने असंसदीय शब्दों के बाद पर्चे, तख्तियां और पत्रक पर लगाया प्रतिबंध, धरना-प्रदर्शन पर भी रोक

संसद ने असंसदीय शब्दों की सूची के बाद पर्चे, तख्तियां और पत्रक पर प्रतिबंध लगा दिया है. आपको बता दें कि बीते दिनों एक संशोधन जारी किया था, जिसमें संसद के सदस्यों की जुबान पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने असंसदीय शब्दों की सूची तैयार की थी. इसको लेकर विपक्ष में काफी हंगामा हुआ था.

‘असंसदीय’ शब्दों की एक विवादास्पद सूची के बाद, लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को मानसून सत्र के दौरान सदन में किसी भी पर्चे, पत्रक या तख्तियों के वितरण पर रोक लगाने के लिए एक और सलाह जारी की. विरोध-प्रदर्शन और धरना की अनुमति नहीं दिए जाने पर संसद परिसर में विपक्ष के हंगामे के जवाब में यह एडवाइजरी आई है.

सदन ने पर्चे, तख्तियां और पत्रक पर रोक

स्थापित परंपरा के अनुसार, कोई भी साहित्य, प्रश्नावली, पर्चे, प्रेस नोट, पत्रक या कोई भी मुद्रित या अन्यथा कोई भी मामला सदन के परिसर के भीतर माननीय अध्यक्ष की पूर्व अनुमति के बिना वितरित नहीं किया जाना चाहिए. संसद के अंदर तख्तियां भी सख्ती से प्रतिबंधित हैं. पिछले बुलेटिन ने उन्हें संसद भवन के परिसर में किसी भी “प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास या किसी धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से” पहले ही रोक दिया था.

जयराम रमेश ने कही ये बात

कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ट्विटर पर संशोधन की आलोचना करने वालों में सबसे पहले थे. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “विश्वगुरु का नवीनतम साल्वो – डी (एच) अरना मन है!” भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (CPI-M) के नेता सीताराम येचुरी ने भी फैसले पर प्रतिक्रिया दी. “क्या तमाशा है…भारत की आत्मा, उनके लोकतंत्र और उसकी आवाज का गला घोंटने की कोशिश विफल हो जाएगी.”

‘असंसदीय’ शब्दों पर प्रतिबंध

संसद के सदस्यों की जुबान पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने असंसदीय शब्दों की सूची तैयार की. मीडिया की रिपोर्ट की मानें तो संसद के सत्रों के दौरान राज्यसभा या लोकसभा के सदस्य जुमलाजीवि, तानाशाही, नौटंकी और लॉलीपॉप जैसे शब्द नहीं बोल पाएंगे. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे. बता दें कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें